उत्तर प्रदेश में जुलाई के दूसरे हफ्ते में अधिकांश इलाकों में भारी बारिश देखने को मिली थी। इसके कारण राज्य के उतरी भागों में खासकर तराई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थितियां बन गयी थी। लेकिन बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश पर मॉनसून कमजोर है जिससे राज्य के ज़्यादातर शहरों में मौसम शुष्क बना हुआ है।
स्काइमेट के मौसम विषेशज्ञों के अनुसार, जल्द ही मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तरी दिशा की ओर बढ़ जाएगी। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश और इससे सटे बिहार पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की संभावना है। इन मौसमी सिस्टमों के कारण आज यानि 23 जुलाई को पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाकों में बारिश शुरू होने के आसार हैं। वहीं कल यानि 24 जुलाई को बारिश की गतिविधियां राज्य के पश्चिमी इलाकों में भी दिख सकती हैं।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार राज्य के लगभग सभी भागों में मॉनसून सक्रिय होगा और पूरब से पश्चिम तक तथा उत्तर से दक्षिण तक बारिश होगी। लेकिन तराई क्षेत्रों और इससे सटे नेपाल के इलाकों में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। इससे बहराइच, गोंडा, लखीमपुर खीरी आदि उत्तरी जिलों में नदियों के पास वाले क्षेत्रों में बाढ़ की संभावना है। लेकिन हालात ज्यादा बिगड़ने का डर नहीं है।
दूसरी ओर बांदा, झाँसी, महोबा, हमीरपुर सहित बुंदेलखंड क्षेत्र में भी इस बार मॉनसूनी बौछारें गिर सकती हैं। बुंदेलखंड सहित उत्तर प्रदेश के दक्षिणी सीमावर्ती इलाके कम बारिश के कारण सूखे मौसम के संकट से परेशान हैं।
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