[Hindi] पश्चिमी तटों और पूर्वोत्तर भारत में घटी बारिश से मॉनसून वर्षा में कमी 10 प्रतिशत पर पहुंची

August 6, 2018 8:34 PM | Skymet Weather Team

देशभर में अब तक सामान्य से 10% मॉनसून वर्षा हुई है। जून की शुरुआत में मॉनसून का प्रदर्शन अच्छा रहा लेकिन शुरुआती 10 दिनों की अच्छी बारिश के बाद मॉनसून की रफ्तार पर ब्रेक लग गई और कई भागों में मॉनसून देर से पहुंचा, जिसके चलते जून महीने में कुल मॉनसून वर्षा में 5% की कमी रही। जुलाई के शुरुआती 10 दिनों तक मॉनसूनी बारिश में व्यापक कमी जारी रही और बारिश में कमी का आंकड़ा बढ़कर 9% पर पहुंच गया।

जुलाई में शुरुआती 10 दिनों के बाद मध्य भारत के भागों में और पश्चिमी तटों पर तेज़ बारिश के कारण इसमें अच्छा सुधार देखने को मिला जिससे 17 जुलाई तक बारिश में कमी महज़ 2 प्रतिशत के स्तर पर रह गई। यह स्थिति 26 जुलाई तक बनी रही क्योंकि ज्यादातर हिस्सों में रुक रुक कर बारिश की गतिविधियां जारी रहीं। 26 जुलाई के बाद जब बारिश में कमी आई तो देश भर में कुल बारिश का आंकड़ा जुलाई के आखिर तक फिर से बढ़कर 6% पर पहुंच गया।

इस समय पिछले 10 दिनों की अगर बात करें तो हर दिन जितनी बारिश होनी चाहिए उससे कम से कम 30 से 40% कम बारिश देशभर में हो रही है। बीते 3 दिनों के दौरान इसमें और कमी आई और 40 से 50% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई। इसके चलते जुलाई के आखिर में जो कमी 6% की थी बढ़कर 10% पर पहुंच गई है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सबसे अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों यानी पश्चिमी तटीय भागों और पूर्वोत्तर राज्यों में लंबे समय से बारिश बंद है।

पश्चिमी तटों पर 20 जुलाई को कोंकण-गोवा में बारिश सामान्य से ऊपर थी जो अब घटकर नीचे पहुंच गई है। इसी तरह तटीय कर्नाटक में पांच जुलाई तक सामान्य से 13% अधिक बारिश हुई थी लेकिन अब यह घटकर सामान्य से 3% नीचे पहुँच गई है। केरल के आंकड़े राहत भरे हैं। केरल में रुक-रुक कर वर्षा की गतिविधियां जारी हैं जिससे बारिश लगातार सामान्य से 13% ऊपर बनी हुई है।

पूर्वोत्तर राज्य में इस समय बारिश में कमी सामान्य से 30% पर पहुंच गई है क्योंकि लंबे समय से बारिश नहीं हो रही है। पश्चिमी तटों पर मॉनसून वर्षा ऑफ शोर ट्रफ के कारण होती है, जबकि पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून की अक्षीय रेखा के चलते बारिश होती है। पश्चिमी तटों पर ना तो ऑफशोर ट्रफ एक्टिव है और पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून ट्रक भी प्रभावी नहीं है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।

दूसरी ओर पूर्वी भारत के राज्यों में जहां जुलाई के पहले पखवाड़े तक मॉनसून का प्रदर्शन काफी कमजोर था उन भागों में बीते 10 दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। अब बारिश और तेज होने की उम्मीद है। आने वाले दिनों में मॉनसून के संभावित प्रदर्शन का जिक्र करें तो बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो गया है। इसके प्रभाव से ओड़ीशा से लेकर गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में अच्छी बारिश होने की संभावना है।

ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल में 24 घंटों के बाद बारिश में कुछ कमी आएगी। लेकिन माध्यम से भारी वर्षा जारी रहेगी जबकि मध्य भारत के कुछ भागों में अगले दो-तीन दिनों के दौरान तेज बारिश हो सकती है जबकि मॉनसून वर्षा के कुल आंकड़ों में सबसे अधिक योगदान करने वाले क्षेत्रों पूर्वोत्तर भारत और पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में मौसम बदलता दिखाई नहीं दे रहा है जिससे आने वाले दिनों में समग्र वर्षा में कमी का अंतर और बढ़ता ही जाएगा।

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