[Hindi] मॉनसून 2020: पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सहित उत्तर भारत में मॉनसून वर्षा लगभग समाप्ति की ओर

September 15, 2020 4:06 PM|

सितंबर में अब तक पंजाब में लगभग सभी स्थानों पर मौसम मुख्यतः शुष्क रहा जबकि दिल्ली में 8 सितंबर तक रुक-रुक कर बारिश होती रही। उसके बाद से दिल्ली में भी मौसम साफ हो गया है। हरियाणा में भी सितंबर के पहले सप्ताह में कुछ बारिश हुई उसके बाद से हरियाणा के लगभग सभी जिलों में शुष्क और गर्म मौसम जारी है।

बीते दिनों मॉनसून की अक्षीय रेखा का पश्चिमी सिरा अपनी सामान्य स्थिति में तो था लेकिन यह मॉनसून ट्रफ बंगाल की खाड़ी या अरब सागर से पर्याप्त नमी उत्तर भारत में लाने में सक्षम नहीं थी जिसकी वजह से उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में ज्यादातर जगहों पर मौसम लंबे समय से साफ और शुष्क बना हुआ है। उधर आंध्र प्रदेश के पास बंगाल की खाड़ी पर बना दबाव का क्षेत्र और प्रभावी होते हुए गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है और पश्चिमी तथा उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए आंध्र प्रदेश पर पहुँच गया है। यह सिस्टम मॉनसून की अक्षीय रेखा को नीचे ले जाएगा।

इस मौसमी परिदृश्य के बीच 17 सितंबर तक पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में किसी भी तरह से बारिश की संभावना नहीं है। इस दौरान हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में छिटपुट जगहों पर हल्की वर्षा हो सकती है और पंजाब में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा से अधिक की उम्मीद फिलहाल नहीं है। यह गतिविधियां भी बहुत थोड़े समय के लिए और छिटपुट इलाकों तक ही सीमित रहेंगी।

वर्तमान निम्न दबाव के बाद 18 सितंबर को एक नया सिस्टम बंगाल की खाड़ी पर विकसित हो सकता है। इसके चलते पूरे गंगा के मैदानी क्षेत्रों पर पूरब से लेकर पश्चिम तक पूर्वी हवाएं चलेंगी। इन हवाओं के कारण उत्तर पश्चिम भारत से मॉनसून की वापसी में विलंब होगा लेकिन इन पूर्वी आर्द्र हवाओं के बावजूद उत्तर पश्चिम भारत में आगामी सिस्टम के प्रभाव से भी बारिश के आसार बहुत कम हैं। उत्तर पश्चिम भारत से मॉनसून की वापसी की शुरुआत में विलंब हो सकता है।

मॉनसून की वापसी की घोषणा तब की जाती है जब लगातार पांच दिनों तक पश्चिमी या उत्तर पश्चिमी दिशा से हवाएं चलें, आर्द्रता के स्तर में भारी गिरावट आए और 5 दिनों तक लगातार बड़े क्षेत्र में बारिश बिल्कुल ना हो। इसके अलावा निचले ट्रोपोस्फीयर (क्षोभ मण्डल) में विपरीत चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो जाए।

फिलहाल उत्तर भारत में जल्द ऐसी स्थितियाँ बनती नहीं दिख रही हैं जिससे मॉनसून की वापसी में लगभग 2 सप्ताह की देरी हो सकती है। लेकिन इसका फायदा उत्तर भारत के लोगों को मिलता नजर नहीं आ रहा है।

Image Credit: The Indian express

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