मॉनसून अपने पूरे शबाब पर है और इसने देश के अधिकांश हिस्सों को अपने दायरे में ले लिया है। इस समय मॉनसून की उत्तरी सीमा दहानू, रतलाम, झाँसी, लखनऊ, पंतनगर, देहारादून, ऊना और जम्मू से होकर गुजर रही है। सोमवार को देश के अधिकांश हिस्सों में 100 मिलीमीटर से अधिक वर्षा दर्ज की गई। वर्तमान समय में मॉनसून पश्चिमी तटों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों तथा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में व्यापक रूप में सक्रिय है।
बीते 24 घंटों के दौरान पश्चिमी तटों पर कई जगह भारी बारिश दर्ज की गई। पश्चिमी तटों पर एक ट्रफ बनी हुई है जिसके चलते यहाँ अधिकतर स्थानों पर मॉनसून की व्यापक सक्रियता है और अच्छी वर्षा दर्ज की जा रही है। कर्नाटक के अगुम्बे में 100 मिलीमीटर, महाराष्ट्र के दहानू में 116 मिलीमीटर और गोवा के काणकोण में 110 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। कल भी तटीय कर्नाटक और गोवा क्षेत्र में भारी वर्षा की संभावना है। शेष पश्चिमी तटीय भागों में भी मध्यम वर्षा हो सकती है।
मुंबई में भी बारिश ने अपना असली करतब दिखाना शुरू कर दिया है। मॉनसून के आगमन के दिन ही मुंबई में 107 मिलीमीटर की मूसलाधार वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। मायानगरी में इसी तरह बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है।
हिमालय के तराई वाले भागों में भी कुछ जगहों पर भारी वर्षा हो रही है। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में सोमवार को 129.4 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश की गतिविधियां बढ़ गई हैं। कुछ स्थानों पर भारी बारिश देखने को मिले रही है। मेघालय के चेरापूंजी में 24 घंटों के दौरान 157.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई। अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट में भी आंकड़ा 3 अंकों में पहुंचा और यहाँ 110 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
यह तो अभी शुरुआत है और हम आशा कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में मॉनसून और प्रभावी होगा तथा बारिश की तीव्रता और बढ़ेगी। स्काइमेट का अनुमान है कि भारत में मॉनसूनी बारिश के संदर्भ में जुलाई बेहतर रहने वाला है।
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