पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ रेखा पिछले धीरे-धीरे सशक्त हो रही है, जो जल्द ही और सक्षम होगी। केरल, कर्नाटक और कोंकण-गोवा में मॉनसून पहले से ही सक्रिय है। बारिश का प्रसार शीघ्र ही महाराष्ट्र के तटवर्ती जिलों और गुजरात के सूरत तक पहुँच सकता है।
यूं तो मुंबई में पिछले कुछ दिनों से हल्की बारिश हो रही है, लेकिन 6 जुलाई के बाद से मायानगरी में बहुत मामूली वर्षा ही दर्ज की गई है। मुंबई में 23 जून के बाद से भारी बारिश नहीं हुई है। जून में 19 से 23 तारीख के बीच हुई मूसलाधार बारिश ने मुंबई में मौसम का मिजाज पूरी तरह से बादल दिया था और मायानगरी में पानी की किल्लत से भी लोगों को राहत मिली थी। हालांकि बारिश के दौरान आम जन-जीवन भी प्रभावित हुआ था।
पश्चिमी तटीय भागों पर मॉनसून ज़ोर पकड़ता प्रतीत हो रहा है। केरल, तटीय कर्नाटक, कोंकण-गोवा, महराष्ट्र और गुजरात के तटों पर पहले से ही हल्की से मध्यम बारिश शुरू हो चुकी है। महाराष्ट्र के तटीय भागों पर बारिश की गतिविधियां जल्द ही बढ़ने वाली हैं। मुंबई सहित रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान भारी मॉनसूनी वर्षा दर्ज की जा सकती है। जबकि सूरत सहित गुजरात के तटीय क्षेत्रों में भी अच्छी बारिश हो सकती। एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा भी दर्ज की जा सकती है।
जुलाई से पहले मुंबई में मॉनसून का प्रदर्शन अपेक्षा से अधिक सक्रिय रहा था। जिससे जून में मुंबई में बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये थे और महीने भर में 1174 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। 2015 से पहले मुंबई में जून में 1037.1 मिलीमीटर बारिश का रिकॉर्ड था।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में जुलाई में औसत बारिश का आंकड़ा है 799.7 मिलीमीटर। लेकिन स्काइमेट के पास उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि 19 जुलाई तक मुंबई में मात्र 34.3 मिलीमीटर बारिश हुई। पश्चिमी तटों पर ट्रफ रेखा का कमजोर बने रहना इसकी मुख्य वजह है।
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