बारिश के लंबे दौर के बाद दिल्ली में मॉनसून एक विराम लेने वाला है। दिल्ली में कई दिनों के बाद सोमवार की सुबह शुष्क मौसम के साथ शुरू हुई, जिससे दिल्ली वालों को कुछ राहत मिली। हालांकि सुबह आंशिक बादल देखे गए।
स्काइमेट के अनुसार दिल्ली को प्रभावित करने वाली मौसमी हलचलें आगे निकल गई हैं जिससे राजधानी और इसके आसपास के भागों में बारिश के बहुत कम आसार हैं। हालांकि एक-दो स्थानों पर गरज के साथ हल्की वर्षा हो सकती है। दिल्ली के पास बनी मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तर में हिमालय की तराई वाले क्षेत्रों की ओर चली गई है, पहाड़ों पर बना पश्चिमी विक्षोभ अब आगे बढ़ गया है और दिल्ली पर बना डिप्रेशन भी कमजोर हो गया है। इन सभी मौसमी हलचलों के चलते दिल्ली में बीते 3 दिनों के दौरान मूसलाधार बारिश दर्ज की गई। बारिश घटने के कारण तापमान एक बार फिर से ऊपर जाएगा। सोमवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री के आसपास रहने के आसार हैं। पारा बढ़ने और वातावरण में अधिक आर्द्रता से दिल्ली वालों को अधिक उमस के चलते मौसम काफी परेशान कर सकता है।
16 जुलाई से फिर से बदलेगा दिल्ली के मौसम का मिजाज़
हालांकि सप्ताह के अंत में बारिश का एक नया दौर फिर से दिल्ली को प्रभावित कर सकता है। अफगानिस्तान और उससे सटे पाकिस्तान पर एक नया पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, जो 16 जुलाई को उत्तर भारत के करीब आएगा और उत्तर भारत के राज्यों को प्रभावित करना शुरू करेगा। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मॉनसून की अक्षीय रेखा फिर से दक्षिण की तरफ आते हुए सक्रिय हो जाएगी और उत्तर भारत के मैदानी राज्यों से गुज़रेगी। स्काइमेट के अनुसार 16 जुलाई से शुरू होने वाला बारिश का दौर 3 से 4 दिनों तक जारी रहेगा।
अभी जुलाई लगभग आधा बीता है और दिल्ली में जुलाई में होने वाली 214 मिलीमीटर की औसत से अधिक बारिश हो चुकी है। जुलाई में अब तक पालम में 289.1 मिमी जबकि सफदरजंग में 215.6 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है।
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