इस बात की घोषणा स्काईमेट ने पहले ही कर दी थी कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में जल्दी ही भारी बारिश होने वाली है। सोमवार/मंगलवार को दिल्ली और एनसीआर में जिस तरह से भारी बारिश हुई, उसने स्काईमेट की जानकारी की पुष्टि कर दी। मंगलवार को सुबह 8.30 बजे से ले कर बुधवार सुबह 8.30 बजे के बीच पालम और गुड़गांव में तो क्रमशः 47.5 और 57 मिलीलीटर बारिश दर्ज हुई है।
बारिश के साथ ही दिल्ली के तापमान में जबर्दस्त गिरावट आई है और इसके साथ ही लोगों को झुलसा देने वाली गर्मी से राहत मिल गई है। उच्चतम और न्यूनतम तापक्रम में यह अंतर साफ तौर पर महसूस किया जा रहा है। मौसम में आई इस तब्दीली ने माहौल को खुशनुमा बना दिया।
अच्छी बात यह भी है कि अगले चार दिनों तक बारिश की पूरी संभावना है। मतलब यह है कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में लंबे समय तक लोगों को गर्मी से राहत मिलने वाली है।
स्काईमेट मौसम विभाग के मुताबिक मानसून अब पहाड़ी सिलसिलाओं की तलहटी से बाहर निकलते हुए दक्षिणावर्ती हो गया है और इस समय वह दिल्ली और आसपास के इलाके में मौजूद (दोलन कर) है। इसके अलावा पश्चिमी विक्षोप और उत्तरी राजस्थान के चक्रवाती दबाव परिसंचरण गर्त को प्रभावित कर रहा है। यही वह कारक हैं जिसकी वज़ह से दिल्ली और इसके आसपास के इलाके में भारी बारिश हुई है और आगे भी होने की संभावना है।
जिस तरह की स्थितियां है उसके मद्देनजर बुधवार को भी बारिश होनी तय है। मगर, यह मंगलवार जितनी भारी बारिश की संभावना बिल्कुल भी नहीं है। बृहस्पतिवार और उसके बाद इसमें तेजी आ सकती है।
स्काईमेट के मुताबिक मानसून गर्त का पश्चिमी छोर अब अपनी दिशा बदलने लगा है और वह उत्तरवर्ती होता जा रहाा है। गर्त में किसी भी तरह के परिवर्तन का असर इस इलाके के मौसम पर पड़ना तय है। नई स्थितियांे में पश्चिमी विक्षोभ ने प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है और इसका असर जम्मू कश्मीर के मौसम पर पड़ता दिख रहा है। अगले 24 से 48 घंटे में बारिश की उम्मीद है।
ये सभी कारक दिल्ली के मानसून को भी गतिशील रखेगा और दिल्ली में ज़्यादा बारिश की संभावना बनी रहेगी जिसके कारण मौसम सुहावना बना रहेगा।
आइए अब दिल्ली और एनसीआर में मंगलवार सुबह 8.30 बजे से ले कर 24 घंटे में आए बारिश पर डालते हैं एक नज़र...
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