दिल्ली वासियों के लिए गुरुवार की सुबह गर्म और उमस से भरी थी, बारिश का कोई नामोनिशान दिखाई नहीं दे रहा था। लेकिन दोपहर होते- होते मौसम में तब्दीली आनी शुरू हो गयी। तक़रीबन 2 बजे के आस पास आसमान में काली घटा छा गयी।
इसके बाद शहर के कई हिस्सों और इससे सटे नोएडा और गाजियाबाद के इलाकों में पहले गरज के साथ बौछारें पड़ीं और फिर तेज बारिश शुरू हो गयी। मौसम में आये इस महत्त्वपूर्ण बदलाव से तापमान में तक़रीबन 10 डिग्री की गिरावट आई।
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सफदरजंग स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने महज तीन घंटों के दौरान 34 मिमी की भारी बारिश दर्ज की। कुछ इसी तर्ज पर लोधी रोड में 39 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गयी। अच्छी बारिश की वजह से मौसम खिल उठा और तापमान, जो 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, 4:30 बजे के आसपास 27 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया।
स्काईमेट वेदर के अनुसार, बारिश का ये दौर इसलिए देखने को मिला क्यूंकि कम दबाव का छेत्र पहले तलहटी की तरफ स्थानांतरित हो गया था। लेकिन अब यह पश्चिमी विछोभ के बाद दक्षिण की तरफ आगे बढ़ रहा है और अभी यह मैदानी छेत्र के समानांतर, दिल्ली-एनसीआर के बहुत करीब, करनाल में सक्रिय है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मॉनसून ट्रफ की ख़ास गतिविधियों की वजह से ही गुरुवार को कम वक़्त के लिए, लेकिन जोरदार बारिश हुयी थी। कम दबाव का छेत्र इस समय बेहद सक्रिय है और इसकी सरगर्मियों की वजह से बारिश की सूरतेहाल बरक़रार रहेगी। इस छेत्र के उत्तर और दक्षिण दिशा में 100 किमी के दायरे में आने वाले क्षेत्र, सीधे तौर पर ट्रफ की परिधि में आते हैं।
इसके अलावा, राजस्थान और उससे सटे मध्य पाकिस्तान के इलाकों में चक्रवाती प्रसार देखा जा सकता है। आम तौर पर मानसून के दौरान यह प्रणाली अर्द्ध स्थायी होती है जिसके चलते इस क्षेत्र में बारिश और तेज होती है।
फ़िलहाल दोनों गतिविधियों के जारी रहने की संभावना है, जिससे आने वाले दिनों में दिल्ली के मुख़्तलिफ़ हिस्सों में कहीं हल्की तो कहीं बारिश देखने को मिल सकती है। मौसम के पूर्वानुमान के मुताबिक, वातावरण में नमी का स्तर काफी ज्यादा है और दिन चढ़ने के साथ तापमान भी बढ़ रहा है। मौसम की यह स्थिति दिल्ली-एनसीआर में बारिश के लिए सहायक साबित होगी।
दिन का तापमान 36 से 38 डिग्री सेल्सियस के दरमियान रहेगा, जिसे सामान्य औसत से नीचे कहा जा सकता है।
Image credit: NDTV
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