पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। मॉनसून रेखा का पूर्वी सिरा हिमालय की तराई वाले भागों की तरफ जा रहा है इसलिए बिहार में अगले 2 से 3 दिनों तक अच्छी बारिश होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश के तराई वाले भागों में भी अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश होने के आसार हैं। 24 घंटों के बाद बारिश की गतिविधियां उत्तर प्रदेश के सभी भागों में बढ़ सकती है। राज्य में 4 अगस्त तक बारिश बनी रह सकती है जबकि बिहार में 3 अगस्त तक बारिश के आसार हैं।
इन दोनों राज्यों की प्यासी खरीफ फसल को इस बारिश से अच्छा लाभ होने की उम्मीद है। साथ ही 4-5 दिनों तक चलने वाले इस दौर से इन दोनों राज्यों में बारिश की कमी के आंकड़े में सुधार आ सकता है। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी भागों में अच्छी बारिश हुये काफी दिन बीत गए हैं। देश के इन भागों में बीते कई दिनों से छिटपुट जगहों पर ही बारिश हो रही है जबकि अधिकांश जगहों पर मौसम मुख्यतः शुष्क बना हुआ था।
बिहार में भी इससे पहले 23 जुलाई को मध्यम बारिश दर्ज की गई थी। लेकिन उस बारिश ने राज्य के अधिकांश भागों को गर्मी और उमस से कोई राहत नहीं पहुंचाई। बारिश की कमी से राज्य में कृषि क्षेत्र को जूझना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश और बिहार में मॉनसून के शुरुआती महीने जून में अच्छी बारिश दर्ज की गई थी। हालांकि बिहार जून में भी बारिश के मामले में पीछे रह गया था। 30 जून तक के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में औसत से 28% कम बारिश हुई थी, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश 12% पीछे थी। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भागों में जून में सामान्य से 4% प्रतिशत अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। जुलाई के आंकड़ों को देखें तो इन दोनों राज्यों में औसत से काफी कम बारिश हुई जिससे बारिश में कमी के आंकड़े में लगातार बढ़ोत्तरी होती गई। 29 जुलाई तक के उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में औसत से 30% कम जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में औसत से 14% कम बारिश हुई है। बिहार में जुलाई में भी आंकड़े जून के अंकों के ही पास हैं, जहां औसत से 29 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है।
बीते एक सप्ताह से भी पहले से मॉनसून की अक्षीय रेखा राजस्थान से मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल होते हुये बंगाल की खाड़ी में बनी हुई थी। यह उत्तर से दक्षिण आई और मध्य भारत के क्षेत्रों पर ही बनी रही, जो आमतौर पर उत्तर या दक्षिण होती रहती है। मॉनसून की अक्षीय रेखा के अपने सामान्य जगह से दक्षिण में बने रहने की वजह थे राजस्थान और बंगाल की खाड़ी में बने दो मौसमी सिस्टम। लेकिन अब राजस्थान पर बना डीप डिप्रेशन कमजोर हो गया है। एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत की तरफ आ रहा है। मॉनसून रेखा का पश्चिमी सिरा भी उत्तर की तरफ बढ़ा है। चक्रवाती तूफान कोमेन भी बांग्लादेश को पार कर रहा है। इन मौसमी परिदृश्यों के बीच देश के पूर्वी और उत्तरी राज्यों में पिछले एक सप्ताह से स्थिर मौसम बादल जाएगा।