उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में बारिश आमतौर पर क्षेत्र में आने वाले सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते होती है। बीते 10 दिनों में तीनों पर्वतीय राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तरखंड में लगातार दो पश्चिमी विक्षोभों ने अच्छी मात्रा में बारिश दी है। पहला पश्चिमी विक्षोभ 5 से 6 जुलाई के बीच था जबकि दूसरा कई दिनों तक रहा जिसने 9-12 जुलाई के बीच कई भागों में भारी बारिश दी।
उदाहरण के तौर पर देहरादून में 5 जुलाई को 84 मिमी जबकि 10 जुलाई को 115 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। नैनीताल में 9 जुलाई को 52 मिमी वर्षा हुई। मुक्तेश्वर और पिथौरागढ़ में भी इसी अवधि में अच्छी बारिश दर्ज की गई। पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी अच्छी वर्षा देखने को मिली। राज्य के उना में 73 मिलीमीटर और कुल्लू में 53 मिलीमीटर वर्षा 10 जुलाई को दर्ज की गई।
इसी अवधि में जम्मू कश्मीर में अनेक स्थानों पर भारी वर्षा देखी गई। जम्मू में 9 जुलाई को 82 मिमी वर्षा हुई। भारी वर्षा के चलते पहाड़ों पर सामान्य जन जीवन पर बुरा असर पड़ा। तेज़ बारिश के चलते बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं ने भी लोगों के मुश्किल भरे हालात पैदा कर दिये।उसके बाद पहाड़ों पर मौसम साफ हो गया और 13 जुलाई तक केवल कुछ स्थानों पर हल्की बारिश दर्ज की गई।
लेकिन अब एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के करीब आ रहा है, जो अभी पाकिस्तान पर है। स्काइमेट का अनुमान है कि जल्द ही यह जम्मू कश्मीर के करीब आएगा और 16 जुलाई की रात से राज्य में भारी बारिश शुरू होगी। उसके बाद बारिश का दायरा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तक बढ़ सकता है। बारिश का यह नया दौर 19 जुलाई तक जारी रहेगा उसके बाद पश्चिमी विक्षोभ आगे निकलेगा और बारिश में कमी आएगी।
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