बिहार में फिर से मॉनसून सक्रिय होने वाला है। वर्तमान मौसमी परिदृश्य के मुताबिक 5 से 11 सितंबर के बीच बिहार के अधिकांश भागों में मध्यम बारिश होने की संभावना है। इस दौरान कुछ इलाकों में भारी बारिश के भी संकेत मिल रहे हैं। तराई क्षेत्रों खासकर चंपारण, मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल, अररिया और किशनगंज में 8 से 11 सितंबर के बीच कई जगहों पर भारी वर्षा भी होने की आशंका है। यही वो क्षेत्र हैं जहां बाढ़ का तांडव सबसे ज़्यादा देखने को मिलता है।
बिहार में अब तक सामान्य से 18% अधिक 970 मिलीमीटर बारिश हुई है। आगामी दिनों में बारिश के चलते मॉनसून वर्षा के आंकड़ों में और वृद्धि होगी और यह 25% या उससे भी ऊपर पहुँच सकता है। इससे पहले अगस्त के मध्य तक बिहार में कुल मॉनसून वर्षा सामान्य से 30% ऊपर पहुँच गई थी। लेकिन अगस्त के दूसरे पखवाड़े और खासकर आखिरी 10 दिनों में बिहार में बारिश बहुत कम हुई जिससे बारिश गिरकर 18% पर पहुँच गई।
बिहार में बारिश मुख्यतः बंगाल की खाड़ी पर उठने वाले मौसमी सिस्टमों से होती है। इन सिस्टमों की दिशा और साथ में मॉनसून ट्रफ की स्थिति ही बिहार पर मॉनसून का प्रदर्शन तय करती है। अब यही स्थिति बन रही है। एक तरफ मॉनसून ट्रफ बिहार की तरफ जा रही है और एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बिहार और इससे सटे उत्तर प्रदेश पर बना रहेगा।
इन सिस्टमों के चलते स्काइमेट का आंकलन है कि आने वाले दिनों में बिहार और इससे सटे क्षेत्रों में अधिकांश स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश होगी। कुछ इलाकों में मूसलाधार मॉनसून वर्षा से नदियां फिर से उफान पर हो सकती हैं जिससे मॉनसून की विदाई से पहले बाढ़ की विभीषिका की झलक एक बार फिर से बिहर के कुछ इलाकों में लोगों के जीवन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। बारिश के साथ कुछ स्थानों पर वज्रपात यानि बिजली गिरने की घटनाएँ भी हो सकती हैं।
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