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[Hindi] मॉनसून को सक्रिय बनाए रखेगा बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बनने वाला निम्न दवाब क्षेत्र, अक्टूबर में मॉनसून के विदाई का अनुमान

September 27, 2019 5:28 PM |

Monsoon 2019 Withdrawal

मॉनसून के मौसम में होने वाले बारिश के लिए निम्न दवाब क्षेत्र का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहता है। यह प्रणाली दोनों ही घाटियों में बनते हैं चाहे अरब सागर हो या बंगाल की खाड़ी। हालांकि, आमतौर पर ऐसा होता है कि सितंबर महीने के समाप्ति आते आते इन मौसमी प्रणालियों की आवृत्ति लगभग कम हो जाती है। हालांकि, इस बार यानि मॉनसून 2019 में ऐसा नहीं है।

अगर उदाहरण के तौर पर बात करें तो,अरब सागर से चक्रवात हिक्का भी खत्म हो गया। इसके अलावा, दक्षिण महाराष्ट्र तट तथा उससे सटे गोवा-कर्नाटक और उत्तर-दक्षिण गुजरात गुजरात के पूर्वी-मध्य अरब सागर और पूर्वी-मध्य और उत्तर-पूर्व अरब सागर के आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र विकसित है। जो समुद्र के स्तर से 7.6 ऊपर मीटर तक फैला हुआ है तथा दक्षिण दिशा की ओर झुक रहा है।

यह प्रणाली अभी भी काफी अच्छी तरह से चिह्नित है और एक संगठित चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र द्वारा समर्थित है। इस प्रणाली के कारण गुजरात, कोंकण और सौराष्ट्र क्षेत्र में पहले से ही व्यापक बारिश की गतिविधियां के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश देखी गई है।

गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित कोंकण में बारिश की संभावना 

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह मौसमी प्रणाली ऐसे ही बनी रहेगी। इसके कारण आने वाले 48 घंटों के में, गुजरात में और अधिक वर्षा की उम्मीद है। इसके अलावा राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी भागों सहित कोंकण तथा दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी अगले 48 घंटों के दौरान बारिश होने की संभावना है।

हम कह सकते हैं कि 30 सितंबर तक इन क्षेत्रों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा की गतिविधि जारी रहेगी। इस दौरान, एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी देखी जा सकती है। जिसके बाद, बारिश की गतिविधियां कम होने लगेगी।

हम पहले से ही सितंबर महीने के अंतिम छोर पर हैं और इस समय इन प्रणाली की मौजूदगी निश्चित रूप से मॉनसून की वापसी में बाधा बन रही है। इन गतिविधियों से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि मॉनसून की वापसी अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक ही संभव है।

इस मौसम प्रणाली के अरब सागर में बने रहने के साथ 28 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी और उससे सटे आसपास के भागों पर एक निम्न दवाब का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके अगले 48 घंटों के बाद इसके और अधिक चिह्नित होने की संभावना है।

बंगाल की खाड़ी में एक और निम्न दवाब क्षेत्र

उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों से बिहार होते हुए उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल तक एक ट्रफ़ फैली हुई है। इसके अलावा, उत्तरी बंगाल की खाड़ी पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित है। इसके अगले 48 घंटों में निम्न दवाब के क्षेत्र में बदलने की संभावना है।

यह प्रणाली बहुत एक चिह्नितचक्रवाती हवाओं के क्षेत्र द्वारा समर्थित होगी। आम तौर पर, इस समय के दौरान सिस्टम उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे नहीं बढ़ता है। वह पुनरावृत्ति करता है, जो कि मॉनसून के निकासी प्रक्रिया को भी निर्धारित करता है।

निम्न दवाब क्षेत्र के प्रभाव में आने वाले राज्य

चूंकि, यह प्रणाली बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और बांग्लादेश के करीब होगी, इसलिए इन क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।

पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में अब तक के हिसाब से बारिश की कमी है। संभवतः, उत्तर प्रदेश और बिहार में हालिया बारिश के साथ आगामी प्रणाली में कमी के स्तर को नीचे खींचने में मदद मिलेगी।

मॉनसून का मौसम 30 सितंबर को समाप्त हो जाएगा और बारिश की कोई भी गतिविधि इसके बाद मॉनसून के बारिश के तहत नहीं गिना जाएगा। हालांकि, यह बारिश कम बारिश वाले राज्यों में कुछ राहत लाने में मदद करेगी।

Image Credit:CNN.com

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