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[Hindi] बंगाल की खाड़ी में बहुत जल्द बनने वाला है एक और निम्न दवाब क्षेत्र, मॉनसून को बनाए रखेगा सक्रिय

September 20, 2019 2:46 PM |

Low Pressure Area

एक तरफ जहां अरब सागर के भागों पर बना निम्न दवाब क्षेत्र के डिप्रेशन बनने की संभावना है तो वहीं दूसरी तरफ, बंगाल की खाड़ी में आने वाले दिनों में एक दूसरा निम्न दवाब क्षेत्र विकसित होने की संभावना है।

सितंबर के महीने के दौरान बंगाल की खाड़ी में कई मौसमी सिस्टम देखे गए। समान्यतः, यह सभी सिस्टम निचले क्षेत्रों में बने हुए हैं। अगर हम सितंबर के दूसरे पखवाड़े में बने सिस्टम की बात करें तो, इस दौरान सामान्यतः मौसमी प्रणाली मध्य भाग और उससे सटे आंध्र तट से दूर दक्षिणी बंगाल की खाड़ी पर विकसित हुई है।

हालांकि, अब कुछ व्यवधान का संकेत नहीं है क्योंकि चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पहले ही विंड फिल्ड में आ रहा है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 22 सितंबर तक बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनेगा और 23 सितंबर तक यह करीब पहुंच जाएगा, लेकिन समुद्र में ही बना रहेगा। इसके बाद, इस सिस्टम के एक चिन्हित निम्न दवाब क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है।

ऐसी संभावना भी है कि, 24 सितंबर तक यह सिस्टम अंतर्देशीय हो जाएगा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों की ओर बढ़ते हुए तेलंगाना, कर्नाटक और यहां तक ​​कि महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों को भी कवर करेगा।

यह प्रणाली पश्चिम-उत्तरपश्चिमी दिशा में चलती रहेगी और साथ ही कोंकण व गोवा क्षेत्र को भी प्रभावित कर सकती है। हालांकि, अरब सागर को पार करने के लिए इस प्रणाली की संभावना ना के बराबर है। संभवत: वहीं से यह उत्तरी दिशा की ओर खिसक जाएगी और आगे महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ सकती है।

उस दौरान, इन क्षेत्रों में ज्यादातर स्थानों पर मध्यम बारिश होने की संभावना है और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की भी उम्मीद है। यह प्रणाली कम से कम तीन दिनों तक यानि 24 से 26 सितंबर तक अंतर्देशीय रहने की संभावना है।

Also, Read In English: Another Low-Pressure Area in the Bay of Bengal to brew soon, rains very likely over Andhra, Telangana, Karnataka

उत्तरी और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा और तेलंगाना सभी सामान्य की तरफ आ गए हैं। इन आगामी बारिश के साथ, मान में अधिक बढ़ोत्तरी हो सकते है, लेकिन निश्चित रूप से वे सामान्य निशान को बनाए रखेंगे।

Image Credit: DNA India

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