दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के केरल में समय से पहले आने की संभावना अब प्रबल हो गई है। अरब सागर में स्थितियाँ मॉनसून को केरल में पहुंचाने के लिए बिलकुल अनुकूल बन गई हैं। स्काइमेट ने 28 मई को मॉनसून के आने की संभावना जताई थी। दो दिनों का एरर मार्जिन भी बताया था। इसके अनुरूप ही 30 मई को केरल में मॉनसून के दस्तक देने के लिए स्थितियाँ अनुकूल बन गई हैं।
अरब सागर में लक्षद्वीप के पास एक ट्रफ बन गई है। अगले 24 घंटों में यहाँ पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होगा। तेज़ी से प्रभावी होते हुए यह सिस्टम 30 मई को निम्न दबाव में तब्दील हो जाएगा और उसके 24 घंटों के बाद गहरे निम्न दबाव में परिवर्तित हो सकता है।
अरब सागर में बने सिस्टम मॉनसून को बढ़ाएँगे आगे
यही मौसमी सिस्टम केरल में 30 मई को मॉनसून लाने में बड़ी भूमिका अदा करने वाला है। निम्न दबाव का क्षेत्र डिप्रेशन बन सकता है और साथ ही यह पश्चिमी तटों के साथ-साथ उत्तर में यानि गोवा और मुंबई की तरफ बढ़ता रहेगा। इसके चलते एक तरफ केरल में मॉनसून वर्षा शुरू हो जाएगी। साथ ही तटीय कर्नाटक में बारिश बढ़ेगी। इसके अलावा गोवा और दक्षिणी कोंकण क्षेत्र में भी 31 मई से वर्षा के आसार हैं। मुंबई में भी 31 मई के बाद बारिश शुरू हो सकती है।
केरल के तटों पर मॉनसून की दस्तक
केरल के तटों पर मॉनसून के बादल पहले से ही दिखाई देने लगे हैं। 30 मई से केरल में भारी बारिश होने की संभावना है। मॉनसून का पहले मूसलाधार स्पेल 72 घंटों तक जारी रह सकता है। इसके चलते उत्तरी केरल के कुछ बाढ़ संभावित क्षेत्रों में पानी जमा हो सकता है और बाढ़ जैसी स्थितियाँ पैदा हो सकती हैं।
केरल में आने के साथ मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एनएलएम का पश्चिमी सिरा तो बढ़ेगा लेकिन पूर्वी सिरा सुस्त रहेगा जिससे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना समेत पूर्वी तटों पर अभी इंतज़ार करना पड़ेगा।
मुंबई समेत गोवा में भी बारिश
इस बीच अरब सागर में बन रहे सिस्टम के कारण मुंबई समेत कोंकण गोवा में जल्द बारिश होगी लेकिन अभी मॉनसून के लिए प्रतीक्षा करनी होगी। मॉनसून को मुंबई तक पहुँचने के लिए एक नए सिस्टम के विकसित होने का हमें इंतज़ार करना होगा।
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