यह बारिश एक ट्रफ की उपस्थिति के कारण हो रही है। जो अब राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों से लेकर राज्य के अन्य भागों से होते हुए बंगाल के उत्तर-पश्चिमी खाड़ी तक फैली हुई है। इसके अलावा एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी गुजरात के दक्षिणी हिस्सों और उससे सटे पूर्वोत्तर अरब सागर के भागों पर बना हुआ है।
इन सभी मौसम प्रणालियों के कारण राजस्थान में नमी की मात्रा में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसी के कारण पूर्वी राजस्थान में मध्यम से भारी बारिश रिकॉर्ड हुई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दिनों में भी राज्य में इसी तरह का मौसम बना रहेगा तथा पूर्वोत्तर राजस्थान और आसपास के पूर्वी राजस्थान में आने वाले 24 घंटों में मध्यम से भारी बारिश की उम्मीद है।
राजस्थान के अजमेर, जयपुर, कोटा, सवाई माधोपुर और आस-पास के इलाकों सहित राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। इस बीच, राजस्थान के पश्चिमी भाग शुष्क और बहुत गर्म बने रहेंगे। वहीं, उदयपुर, बांसवाड़ा, माउंट आबू सहित राजस्थान के दक्षिणी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं।
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दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 का आगमन पहले से ही राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में ह चुका है। मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एन एल एम इस समय बाड़मेर, जोधपुर, सीकर से होकर गुजर रही है और इसके राजस्थान के और भागों तक पहुँचने के लिए मौसमी परिस्थितियाँ भी अनुकूल हैं।
Image Credit:DNA India
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