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[Hindi] मॉनसून 2019 : केरल पंहुचा मॉनसून, अब पूर्वोत्तर भारत की बारी

June 8, 2019 2:00 PM |

Monsoon 2019 Forecast

Updated on June 8 at 2:20 PM: मॉनसून 2019 : केरल पंहुचा मॉनसून, अब पूर्वोत्तर भारत की बारी 

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 का 7 दिनों की देरी के बाद आखिरकार केरल में 8 जून को आगमन हो गया। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून के आगमन के लिए सभी स्थितियां शुक्रवार को ही अनुकूल बन गई थीं। इसके चलते 8 जून को दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगमन की औपचारिक घोषणा हो गई और अब भारत के मुख्य भूभाग पर मॉनसून का 4 महीनों लंबा सफर शुरू हो गया है।

दक्षिणी अरब सागर, लक्षद्वीप क्षेत्र और केरल के बाकी हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं। अगले 48 घंटों के दौरान तमिलनाडु के कुछ और हिस्से जैसे कि दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्वी,मध्य पूर्वी, उत्तर पूर्वी, बंगाल की खाड़ी और मध्य अरब सागर और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्से बंगाल के में दिख सकती है । इसी दौरान पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में भी दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल होती जा रही हैं।

Originally Published on June 7 at 5:35 PM: मॉनसून 2019 पूर्वानुमान: केरल से पहले पूर्वोत्तर भारत में पहुंच सकता है मॉनसून - स्काइमेट

सबकी निगाहें इस समय मॉनसून 2019 की तरफ टिकी हुई है। जो कि एक सप्ताह की देरी से चल रही है। मॉनसून केरल में दस्तक देने के करीब है। दक्षिण पश्चिम मॉनसून भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में केरल और पूर्वोत्तर भारत के त्रिपुरा में एक साथ दस्तक देने वाला है।

हालांकि, भारतीय भूमि में मॉनसून की शुरुआत के लिए, मॉनसून की वृद्धि को पहले केरल पहुंचना होगा। इस समय एक मुश्किल स्थिति बनी हुई है। स्काईमेट के अनुसार, पूर्वोत्तर भारत में भी मौसम की स्थिति मॉनसून पैटर्न के लगभग अनुकूल बनी हुई है।

इस समय तक, एन एल एम बंगाल की खाड़ी के महत्वपूर्ण हिस्सों को कवर किया है। इसके अलावा इस क्षेत्र में हवा का पैटर्न भी बदल गया है। साथ ही, पिछले कई दिनों से पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश हो रही है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय चल रहे मौसम का मिजाज सामान्य मॉनसून की बारिश का है। हवाएं पहले से ही पूर्वी दिशा में चल रही हैं। एक ट्रफ रेखा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से पश्चिम बंगाल तक बना हुआ है। इसके अलावा, बांग्लादेश में पिछले कई दिनों से एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यह दोनों ही मानसून की प्रमुख विशेषताएं हैं।

Also Read In English: Monsoon 2019 Forecast: Weathermen believe Monsoon 2019 reaches Northeast India early than Kerala

स्काइमेट के मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन के अध्यक्ष जी पी शर्मा ने कहा कि, मॉनसून भारत के पूर्वोत्तर भाग को भी एक साथ कवर करता है, लेकिन इस समय हम इस तथ्य में फंसे हैं कि मॉनसून को सबसे पहले केरल को कवर करना है। साल 2011 में 29 मई को मॉनसून केरल और दक्षिण अंडमान सागर दोनों को एक साथ कवर किया था। जबकि, यह अंडमान सागर तक पहले पहुंच गया। इसलिए, हम कह सकते हैं कि यह अपवाद है। हमारे लिए, ऐसा लगता है कि मानसून पहले ही खाड़ी को कवर कर चुका है और पूरे पूर्वोत्तर भारत में एक ही हवाई द्रव्यमान पहुंच रहा है। तापमान, आर्द्रता और वर्षा के सभी मापदंड मिल रहे हैं।

हालांकि, मॉनसून की शुरुआत के लिए जरुरी मानकों के अनुसार, हवा, आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) और केरल में बारिश इन तीनो मानदंडों को पूरा करना चाहिए।

Image Credit:India today

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