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[Hindi] अरब सागर पर डिप्रेशन और पूर्वी भारत पर निम्न दबाव से देश के कई भागों में मॉनसून के सक्रिय होने की संभावना, बिहार और असम पर बाद का तांडव रहेगा जारी- जतिन सिंह, एमडी, स्काइमेट

July 21, 2020 9:22 AM |

साल 2020 का मॉनसून उत्तर-पश्चिम भारत को छोड़कर देश के बाकी भागों के लिए समान्यतः बेहतर रहा है। उत्तर-पश्चिम भारत हाल ही मॉनसून में सुधार दिखा है और इस सप्ताह सुधार बने रहने की संभावना है। 1 जून से अब तक देश के कुल क्षेत्र के लगभग 80% क्षेत्र में सामान्य या सामान्य अधिक बारिश दर्ज की गई है। बेहतर मॉनसून के चलते महाराष्ट्र, सौराष्ट्र और कच्छ तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश में खरीफ फसलों की बम्पर बुआई हुई है।

समय से पहले मॉनसून के आगमन और अच्छी बारिश के चलते देश में खरीफ फसलों की बुयाइया पिछले वर्ष से 44% की अधिक 580 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है। यह उल्लेखनीय वृद्धि है। इस समय आमतौर पर सबसे अधिक बुयाई कपास, सोयाबीन और धान की होती है। उत्तर भारत के किसानों ने इस मौसम में कपास में बहुत रुचि दिखाई है यही वजह है कि अब तक कुल 104.82 लाख हेक्टेयर में कपास की बुआई हुई है। इस बार किसानों ने दलहन, तिलहन और गन्ने की भी व्यापक बुआई की है। दलहन की खेती का रकबा इस बार 162 लाख हेक्टेयर हो गया है। कृषि मंत्रालय उर्वरकों की समय पर पर्याप्त आपूर्ति और बेहतर वितरण की व्यवस्था कर किसानों की मदद कर रहा है।

इस बीच लखनऊ और आसपास के कई जिलों में टिड्डों के झुंड देखे गए। बड़ी संख्या में टिड्डी दल के इस ताज़ा हमले से लखनऊ और आसपास के इलाकों में आसमान पर अंधेरा छा गया था। इससे पहले बहराइच, कन्नौज, उन्नाव, सीतापुर और बाराबंकी समेत उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में टिड्डी दल देखे गए थे। टिड्डियों के इस हमले में कई स्थानों पर फसलें तबाह हो गई हैं। हालांकि टिड्डियों का प्रकोप कम करने के लिए राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की 60 नियंत्रण टीमों को तैनात किया गया है। इसके अलावा केंद्र सरकार के 200 से अधिक कर्मचारी टिड्डियों के नियंत्रण कार्यों में लगे हुए हैं। ड्रोन और हेलिकॉप्टरों को भी तैनात किया गया है।

असम, अरुणाचल प्रदेश और बिहार में बाढ़ की स्थिति और होगी खराब। पूरब में संभावित निम्न दबाव जबकि अरब सागर पर डिप्रेशन से देश के कई राज्यों में मॉनसून होगा सक्रिय। सप्ताह के आखिर में मध्य भारत में बाढ़ की आशंका।

उत्तर भारत

उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में बड़े इंतज़ार के बाद भारी मॉनसून वर्षा देखने को मिली। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में बीते दिनों भारी बारिश हुई। पंजाब और हरियाणा के उत्तरी हिस्सों के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के उत्तरी भागों में 22 जुलाई तक अच्छी बारिश जारी रहेगी। इसके बाद मॉनसून कमजोर हो जाएगा और बारिश मध्यम हो जाएगी। राजस्थान के पूर्वी भागों में भी इस सप्ताह मॉनसून वर्षा होने के आसार हैं।

पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत

यह सप्ताह पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के लिए काफी मुश्किलें लेकर आ सकता है। बिहार सहित ज्यादातर जगहों पर भारी बारिश सप्ताह के मध्य तक जारी रहेगी। बारिश के साथ बिजली गिरने की भी आशंका है। सप्ताह के मध्य तक एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बांग्लादेश पर बन सकता है। इसके चलते सप्ताह के मध्य तक मॉनसून ट्रफ दक्षिण में आएगी और तराई क्षेत्रों में बारिश कम हो जाएगी। बिहार के कई उत्तरी जिलों में बाढ़ का तांडव देखने को मिल सकता है।

मध्य भाग

22 जुलाई के आसपास बांग्लादेश और इससे सटे पश्चिम बंगाल पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन सकता है। इस सिस्टम के निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने और ओडिशा से लेकर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात तक को इस सप्ताह प्रभावित करने की संभावना है। इस सिस्टम के चलते समूचे मध्य भारत में व्यापक रूप से बारिश होने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है, जिससे राज्य के दक्षिणी हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, विदर्भ और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों में 23 और 24 जुलाई को भारी बारिश होने की संभावना है।

दक्षिण भारत

दक्षिण-पूर्वी अरब सागर और इससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र पर एक मॉनसून डिप्रेशन बनने की संभावना है। यह मौसमी सिस्टम अरब सागर पर ही उत्तर-पूर्वी दिशा में बढ़ेगा और पश्चिमी तटों को प्रभावित करेगा। हालांकि यह पश्चिमी तटों से सुरक्षित दूरी पर रहेगा। इस सिस्टम के चलते केरल से लेकर तटीय कर्नाटक और कोंकण गोवा क्षेत्र तक मूसलाधार वर्षा हो सकती है। तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में 21 से 24 जुलाई के बीच मध्यम वर्षा की संभावना है। सप्ताह के शुरुआती दो दिनों के दौरान बेंगलुरु शहर में भारी बारिश होने की संभावना है।

दिल्ली एनसीआर

सप्ताह के शुरुआती दो तीन दिनों के दौरान गरज के साथ अच्छी बारिश के आसार हैं। उसके बाद बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी। हालांकि पूरी तरह से मौसम शुष्क नहीं होगा बल्कि हल्की से मध्यम बारिश कुछ हिस्सों में रुक-रुक कर देखने को मिल सकती है।

चेन्नई

शहर में 22 और 24 जुलाई के बीच अच्छी बारिश हो सकती है। सप्ताह के बाकी सभी दिनों में मौसम मुख्यतः गर्म और उमस भरा रहेगा। दिन का तापमान 33 और रात का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।

Image credit: Rajya Sabha TV

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