दक्षिण-पश्चिम मॉनसून बीते कुछ दिनों से बिहार और झारखंड में टिक गया था, जो आज तेज़ी से आगे बढ़ा और समूचे बिहार, झारखंड को कवर करते हुए उत्तर प्रदेश के मध्य भागों में भी पहुँच गया। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश होते हुए जम्मू-कश्मीर तक मॉनसून पहुंच गया है। पूर्वी भारत के राज्यों विशेषतौर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में बीते कई दिनों से बारिश का इंतजार था।
इस बीच वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहा है कि इन तीनों राज्यों में खासतौर पर हिमालय के तराई क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना है। बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में अगले दो-तीन दिनों के दौरान कई जगहों पर मध्यम से भारी वर्षा के बीच बिजली गिरने की भी आशंका है।
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बिहार पर इस समय एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यहां से एक ट्रफ रेखा राजस्थान से उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए असम तक पहुँच रही है जबकि एक ट्रफ बिहार से उड़ीसा पर बने चक्रवाती सिस्टम तक पहुंच रही है। अगले 24-48 घंटों के दौरान यह सभी सिस्टम और प्रभावी हो जाएंगे जिससे इन भागों में मूसलाधार वर्षा की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले दो-तीन दिनों तक बिहार के लगभग सभी भागों में झारखंड के उत्तरी हिस्सों, उप हिमालय पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में घने मॉनसूनी बादल छाए रहेंगे। इन भागों में मूसलाधार वर्षा भी रिकॉर्ड की जाएगी। झारखंड के शेष हिस्सों, दक्षिणी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बाकी भागों में भी हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
इस बारिश से एक ओर जहां तापमान में व्यापक गिरावट दर्ज की जाएगी और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी वहीं दूसरी तरफ खरीफ फसल की बुआई, जो मॉनसून में सुस्ती और कम वर्षा के चलते पिछड़ रही थी अब गति पकड़ेगी। कह सकते हैं कि बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए राहत की सांस लेने का वक्त है।
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