दक्षिण-पश्चिम मॉनसून प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य गति से आगे बढ़ रहा है। तटीय कर्नाटक और केरल के बाद पिछले दो दिनों में दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु के अधिकांश हिस्सों और रायलसीमा और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में मॉनसून ने दस्तक दे दिया।
पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून के आगमन का सामान्य समय अब बदलकर 5 जून हो गया है, जहां अगले दो-तीन दिनों में मॉनसून दस्तक दे सकता है। कहा जा सकता है कि पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून की रफ्तार धीमी है लेकिन आपको बता दें कि 3-4 दिनों की देरी को सामान्य ही माना जाता है।
इस बीच पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों के साथ-साथ कोंकण, महाराष्ट्र, तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश के बाकी हिस्सों में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल बन रही हैं। जून के पहले सप्ताह में देश में मॉनसून वर्षा सामान्य से 71% अधिक हुई है। इसमें सबसे अधिक योगदान मध्य भारत और केरल का है।
बंगाल की खाड़ी हो गई है सक्रिय
बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर बना सर्कुलेशन अब निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है। वायुमंडलीय स्थितियाँ और सामुद्रिक स्थितियाँ संकेत कर रही हैं कि अगले 24 घंटों में यह यह सिस्टम जल्द ही प्रभावी होकर गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है। इस सिस्टम के ओडिशा की ओर जाने की संभावना है।
बंगाल की खाड़ी में पहला मॉनसून सिस्टम
बंगाल की खाड़ी में यह पहला मॉनसून सिस्टम होगा। मॉनसून के शुरुआती समय में जब भी ऐसे मौसमी सिस्टम बनते हैं तो यह बहुत दूर तक नहीं जाते। प्रायः यह भी देखा गया है कि ऐसे सिस्टम तटों को पार करने के बाद रिकर्व करते हैं। अनुमान है कि यह सिस्टम देश के पूर्वी तटों और इसके आसपास के पूर्वी भारत के भागों पर ही रहने की संभावना है।
समतौर पर मॉनसून के आरंभ में बनने वाले निम्न दबाव के क्षेत्र केवल उन्हीं क्षेत्रों तक पहुँच पाते हैं जहाँ मॉनसून के आगे बढ़ने की संभावना है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 15 जून तक बिहार और झारखंड तक आ जाता है। यह मौसमी सिस्टम 12 जून को ओडिशा के तटों को पार करने के बाद पूर्वी भारत के ओर मुड़ सकता है और बिहार, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल के ऊपर पहुँच जाएगा। आगे यह तराई क्षेत्रों में जा सकता है।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2020 को आगे बढ़ाने में होगी इसकी भूमिका
बंगाल की खाड़ी में बने इस सिस्टम के कारण दक्षिण-पश्चिम मॉनसून बड़ी छलांग लगाएगा। इसके कारण जहां इसके प्रभाव से मॉनसून का पूर्वी सिरा बंगाल की खाड़ी में आगे बढ़ते हुए मॉनसून पूर्वोत्तर को पार कर पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और ओडिशा में पहुँच जाएगा वहीं अरब सागर से उठने वाली सक्रिय लहर के कारण इसका पश्चिमी सिरा भी प्रगति करेगा।
अरब सागर पर दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के सक्रिय होने के कारण आने वाले समय में मॉनसून कर्नाटक और रायलसीमा के भागों को पार करते हुए तेलंगाना पहुँच जाएगा। साथ ही मुंबई समेत महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र और मध्य महाराष्ट्र क्षेत्र में भी जल्द ही मॉनसून के आने की अच्छी खबर मिलेगी।
आने वाले दिनों में मॉनसून के आगे बढ़ने के साथ ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में 10 से 16 जून के बीच तेज बारिश होने की संभावना है।
कृषि क्षेत्र के लिए मॉनसून की तरफ से अब तक सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।
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