राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों पर मॉनसून सक्रिय हो गैया है। दिल्ली और एनसीआर में कई जगहों पर मूसलाधार मॉनसून वर्षा दर्ज की गई। उम्मीद है कि उत्तर भारत के कई इलाकों में अगले 48 घंटों तक मॉनसून इसी तरह से सक्रिय बना रहेगा। बारिश की तीव्रता भी काफी अधिक रहने की संभावना है। राजधानी दिल्ली और इससे सटे शहरों नोएडा, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद, फ़रीदाबाद में सुबह से शुरू हुई बारिश दोपहर 1 बजे तक हल्की से मध्यम तीव्रता के साथ जारी रहेगी।
गौरतलब है कि मॉनसून की रेखा राजस्थान से आगे बढ़ते हुए उत्तर में पंजाब और हरियाणा पर पहुंची है साथ ही एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पंजाब और इससे सटे पाकिस्तान पर बना हुआ है। इन दो सिस्टमों के अलावा बंगाल की खाड़ी पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण बंगाल की खाड़ी से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों तक आर्द्र हवाएँ पहुंच रही है जिससे यहां पर मॉनसून ने अचानक उग्र रूप दिखाया है।
दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तर पूर्वी राजस्थान के कुछ इलाकों में कल शाम से ही मौसम बदला। कुछ इलाकों में शाम को तो कुछ भागों में रात को वर्षा दर्ज की गई। जबकि दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद और गाज़ियाबाद में सुबह से ही बारिश हो रही है। इन भागों में सुबह 8:30 बजे से 11:30 बजे के बीच कई जगहों पर व्यापक वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान पालम में 45 मिमी जबकि जबकि सफदरजंग में 22 मिमी बारिश दर्ज की गई।
इस साल मॉनसून सीजन संभवतः यह पहला अवसर होगा जब दिल्ली के दक्षिणी, पश्चिमी, उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में एक साथ बारिश हुई है। मूसलाधार वर्षा के कारण दिल्ली के तमाम इलाके जलमग्न हो गए हैं और ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना लोगों को करना पड़ रहा है।
अगले 48 घंटों तक इसी तरह से मैदानी क्षेत्रों पर मॉनसून सक्रिय रहेगा और कई स्थानों पर अच्छी वर्षा जारी रहेगी। 21 अगस्त से बारिश कम हो जाएंगी हालांकि उसके बाद भी 22 और 23 अगस्त तक हल्की से मध्यम वर्षा कुछ इलाकों में जारी रहने की संभावना है। फिलहाल 20 अगस्त तक पंजाब के दक्षिण पश्चिमी भागों में जहां अब तक मॉनसून की वर्षा कम हुई है, भारी बारिश देखने को मिल सकती है।
मैदानी भागों के अलावा पर्वतीय क्षेत्रों मेंउत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी मध्यम से भारी मॉनसून वर्षा हो सकती है। जम्मू कश्मीर के तराई क्षेत्रों यानी जम्मू क्षेत्र में भी अच्छी बारिश होने की संभावना है। उत्तराखंड और हिमाचल के ज्यादातर इलाकों में बारिश की तीव्रता मध्यम से भारी रहेगी जिसके चलते इन क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भूस्खलन जैसी घटनाएं हो सकती हैं और अचानक बाढ़ का संकट भी लोगों को देखने को मिल सकता है। पहाड़ों पर मॉनसून की सक्रियता कई दिनों तक जारी रहने की संभावना है।
Image Credit: NMTV
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