[Hindi] मॉनसून 2020: देश में मॉनसून का अब तक का प्रदर्शन और आगे प्रगति की संभावना

June 23, 2020 10:00 AM|

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2020 पिछले साल की तुलना में काफी अलग चल रहा है। शुरुआती 3 सप्ताह तक मॉनसून का प्रदर्शन और इसकी प्रगति 2019 के मॉनसून से बिल्कुल भी अलग है। इस साल अल नीनो का प्रभाव नहीं है और अन्य समुद्र की स्थितियां इसकी राह में बाधक नहीं है, जिसकी वजह से स्काइमेट ने जैसा अनुमान लगाया था मॉनसून सामान्य समय यानी 1 जून से 3 दिन पहले 30 मई को केरल में पहुँच गया था।

हालांकि आगमन के बाद 4 जून को केरल के उत्तरी भागों को कवर करने के बाद अगले कुछ दिनों के लिए (10 जून तक) मॉनसून अपनी जगह पर ठहर गया था। इसी समय यानि 4 जून को ही मॉनसून तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में ही पहुंचा था। इसके कुछ दिनों के अंतराल के बाद जब मॉनसून ने रफ्तार पकड़ी तो हर दिन यह आगे बढ़ता रहा। न सिर्फ इसका पश्चिमी सिरा आगे बढ़ा बल्कि पूर्वी क्षेत्रों में भी मॉनसून ने प्रगति की। हालांकि मुंबई और कोलकाता समेत दक्षिणी महाराष्ट्र तथा पूर्वोत्तर भारत में अपने निर्धारित समय से कुछ दिनों की देरी मॉनसून के आगमन में हुई लेकिन मुंबई और कोलकाता को पार करने के बाद इसने जो रफ्तार पकड़ी, वो चौंकाने वाली थी।

कोलकाता व मुंबई में देरी से आया मॉनसून

कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में मॉनसून अपने सामान्य समय से 3-4 दिनों की देरी से पहुंचा। पश्चिम में भी मुंबई में सामान्य समय से 3 दिन विलंब से मॉनसून का आगमन हुआ। कोलकाता और मुंबई में मॉनसून का आगमन का समय इस साल संशोधित किया गया है, इसके अनुसार 11 जून को इन दोनों किनारों पर मॉनसून का आगमन होना चाहिए। लेकिन इस बार यह कुछ दिनों की देरी से पहुंचा।

गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में समय से पहले आया मॉनसून

गुजरात, मध्य प्रदेश के मध्य भागों और उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में मॉनसून का आगमन सामान्य से तकरीबन 1 सप्ताह पहले हुआ। इन भागों में 16 जून को मॉनसून का आगमन हुआ। मॉनसून की उत्तरी सीमा 16 जून को गुजरात के कांडला और अहमदाबाद, मध्य प्रदेश के इंदौर, रायसेन, खजुराहो और उत्तर प्रदेश के फतेहपुर व बहराइच में पहुंची थी। उसके बाद से 22 जून तक मॉनसून में कोई प्रगति नहीं हुई।

अब मौसमी स्थितियां मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल बन रही हैं। एक ट्रफ गंगा के मैदानी क्षेत्रों में पंजाब से लेकर पश्चिम बंगाल तक सक्रिय हो गई है। उत्तरी ओडिशा और पूर्वी उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बने हुए हैं। दूसरी ओर अरब सागर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र प्रभावी हो रहा है। इन सिस्टमों के कारण बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाओं को भीतरी क्षेत्रों में पहुँचने में मदद मिलेगी। 24-25 जून तक मॉनसून के उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में पहुँचने की संभावना है।  

मॉनसून इन क्षेत्रों में रहेगा सक्रिय

हम उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में देश के पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र तथा तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश में मॉनसून का अच्छा प्रदर्शन जारी रहेगा। 48 घंटों के बाद गुजरात के क्षेत्रों, दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में भी बारिश बढ़ेगी। 24 जून को इन भागों में अच्छी वर्षा हो सकती है। कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों और केरल के इलाकों में अच्छी बारिश होती रहेगी जबकि अंदरूनी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र और चेन्नई सहित तमिलनाडु में बहुत ज्यादा मॉनसूनी बारिश की संभावना फिलहाल नहीं है।

कैसी रही है अब तक मॉनसून वर्षा

देश में 1 जून से 22 जून के बीच सामान्य से 25% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश का विवरण देखें तो मध्य भारत में सामान्य से 69% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। दक्षिण और उत्तर भारत में सामान्य से 8% ज़्यादा बारिश हुई है जबकि पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से 3% ज़्यादा बारिश हुई है।

Image Credit:Patrika

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