[Hindi] मॉनसून 2020: 47 वर्षों के रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए अगस्त ने 2020 के मॉनसून को नीचे से पहुंचा दिया ऊपर

August 31, 2020 5:32 PM | Skymet Weather Team

अगस्त 2020 में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है। मॉनसून के चार महीनों में सबसे अधिक वर्षा वाले माह अगस्त में 26.6% अधिक वर्षा दर्ज की गई। अगस्त में 47 वर्षों के बाद देश ने इतनी ज़्यादा बारिश देखी है। इससे पहले वर्ष 1973 में सामान्य से 27% अधिक वर्षा अगस्त में दर्ज की गई थी।

इस साल अगस्त में हुई अधिक बारिश से न सिर्फ जुलाई में कम हुई बारिश की भरपाई की है बल्कि इसने पूरे मॉनसून सीज़न का रुख ही मोड़ दिया है और उम्मीद है कि मॉनसून सामान्य से अधिक बारिश के साथ विदा होगा। अगस्त में 25 दिन ऐसे रहे जब प्रति दिन होने वाली बारिश से अधिक वर्षा हुई जबकि 10 दिन ऐसे रहे जब सामान्य से 50% अधिक बारिश दर्ज की गई। 21 अगस्त को 97 फीसदी ज़्यादा बारिश हुई थी।

जुलाई और अगस्त मॉनसून सीज़न के सबसे अधिक वर्षा वाले महीने हैं। पूरे मॉनसून सीज़न की 65% बारिश इन दो महीनों में होती है। इसीलिए एक भी महीने में मॉनसून का कमजोर प्रदर्शन देश में चिंता का कारण पैदा कर देता है। सबसे महत्वपूर्ण है कि इस कमी की भरपाई भी बमुश्किल ही हो पाती है। लेकिन इसके उलट इस साल जुलाई में हुई कम बारिश की अगस्त ने न सिर्फ भरपाई कर दी है बल्कि पूरे मॉनसून को इसने संभाल दिया है। 47 वर्षों का रिकॉर्ड भी टूटा और 1973 में अगस्त में हुई 27% अधिक वर्षा की इसने बराबरी भी कर ली।

पिछले 100 वर्षों में अगस्त महीने में सबसे ज़्यादा बारिश 1926 में रिकॉर्ड की गई थी जब औसत से 33.7% अधिक वर्षा हुई थी। उसके बाद से 10 ऐसे अवसर रहे हैं जब सामान्य से 20% अधिक बारिश हुई है। टेबल में आंकड़े दिये गए हैं।

अगस्त महीने में आमतौर पर हर साल ब्रेक मॉनसून की कंडीशन देखने को मिलती है। लेकिन इस बार इसके विपरीत पूरे महीने मॉनसून सक्रिय रहा और देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश होती रही जिससे 47 वर्षों के रिकॉर्ड की बराबरी हुई। आगत महीने में 5 निम्न मौसमी सिस्टम बंगाल की खाड़ी से उठे और मध्य भारत के विभिन्न हिस्सों को जलमग्न कर दिया। मॉनसून सीज़न का अब तक का प्रदर्शन और आने वाले दिनों में संभावित बारिश को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मॉनसून 2020, वर्ष 1994 के मॉनसून की बराबरी कर सकता है।

Image Credit: DNA India

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

OTHER LATEST STORIES