उम्मीद के मुताबिक अच्छी रफ्तार से मॉनसून आगे बढ़ रहा है। 10 जून को मॉनसून का पूर्वी सिरा आगे बढ़ा तो 11 जून को इसने पश्चिम से लंबी छलांग लगाई। 10 जून को दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में पहुंचा था। 11 जून को मॉनसून की उत्तरी सीमा (NLM) का पश्चिमी सिरा भी प्रतिस्पर्धा करते नजर आया और कर्नाटक, तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश के सभी भागों को पार करते हुए तेलंगाना के अधिकांश हिस्सों में पहुँच गया। इसी छलांग में मॉनसून ने गोवा, दक्षिणी कोंकण, दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण छत्तीसगढ़ और दक्षिणी ओडिशा में भी इसने दस्तक दे दी।
कहाँ पहुंची एनएलएम
मॉनसून की उत्तरी सीमा (NLM) 11 जून को हरनई, शोलापुर, रामगुंडम, जगदलपुर, गोपालपुर, अगरतला और तेज़पुर तक पहुँच गई थी।
बंगाल की खाड़ी पर बने निम्न दबाव के प्रभाव से मॉनसून काफी अच्छी प्रगति कर रहा है। इसी सिस्टम के आगे बढ़ने के साथ-साथ एक तरफ दक्षिण भारत में बारिश की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं तो दूसरी ओर मध्य भारत में मॉनसून प्रगति कर रहा है। हमारा अनुमान है कि मुंबई समेत महाराष्ट्र के कुछ और भागों में तथा कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल में अगले 24 से 48 घंटे में मॉनसून दस्तक दे सकता है। मॉनसून के आगे बढ़ने के साथ देश के कई इलाकों में बारिश भी तेज होगी।
मुंबई व कोलकाता में जल्द दस्तक देगा मॉनसून
मुंबई और कोलकाता में मॉनसून के आगमन की संशोधित सामान्य तिथि 11 जून है। इन भागों में 12 या 13 जून को इसका आगमन हो सकता है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार सामान्य तिथि से दो-चार दिन पहले या बाद में मॉनसून के आगमन को सामान्य माना जाता है। इस बीच पश्चिमी तटों पर केरल से लेकर गोवा और मुंबई समेत महाराष्ट्र के उत्तरी हिस्सों तक बारिश की गतिविधियां बढ़ जाएंगी। मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा में भी बारिश में वृद्धि होने की संभावना है। दक्षिण छत्तीसगढ़ में काफी तेज़ वर्षा होने की संभावना है।
खाड़ी में निम्न दबाव से मॉनसून सक्रिय
बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़ते हुए निम्न दबाव का क्षेत्र गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो सकता है। यह उत्तरी आंध्र प्रदेश और इससे सटे ओड़ीशा से होकर भीतरी भागों पर पहुंचेगा। इस सिस्टम के प्रभाव से अगले दो-तीन दिनों के दौरान आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दक्षिणी ओडिशा और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र सहित कई इलाकों में मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है।
पूर्वी भारत में मॉनसून जल्द ही पश्चिम बंगाल को पार करते हुए ओड़ीशा के कुछ और हिस्सों को कवर करते हुए बिहार तथा झारखंड में भी जल्द ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकता है। पूर्वी मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी मॉनसून के सामान्य समय पर आगमन की संभावना है।
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