[Hindi] मॉनसून 2020: दक्षिण भारत के लिए बम-बम रहा मॉनसून, उत्तर भारत को हाथ लगी निराशा

October 1, 2020 3:11 PM|

दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2020 कई उपलब्धियों के साथ विदा हो गया है। प्रदर्शन के लिहाज़ से इस साल के मॉनसून को हाल के दशकों में सबसे अच्छा मॉनसून माना जाएगा। हालांकि मॉनसून की विशेषताओं में एक विशेषता यह भी है कि देश के चारों क्षेत्रों में इसका प्रदर्शन एक जैसा बहुत कम ही देखने को मिलता है।

साल 2020 के मॉनसून सीजन में अलग-अलग हिस्सों में हुई बारिश के आंकड़ों से इसे आसानी से समझा जा सकता है। इस साल जहां दक्षिण भारत में सामान्य से लगभग 29% अधिक बारिश हुई तो वहीं उत्तर भारत को 16% कम वर्षा मिली है।

उत्तर भारत में कमजोर रहा मॉनसून 2020

उत्तर भारत में सबसे ज़्यादा सूखा रहा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख। जहां सामान्य से 67% कम बारिश हुई। जम्मू कश्मीर में भी 34% कम बारिश रिकॉर्ड की गई। हिमाचल में 26% कम, उत्तराखंड में 20% कम वर्षा हुई। मैदानी इलाकों में मॉनसून की सबसे अधिक बेरुखी पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मिली, जहां सामान्य से 37% कम वर्षा हुई है। पंजाब में 16% और हरियाणा में 14% के कमी रही। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी बारिश में 20 फीसदी की कमी रही।

दक्षिण भारत में जमकर हुई बारिश

दक्षिणी प्रायद्वीप में इस साल के मॉनसून ने सामान्य से 29% ज़्यादा वर्षा दी है। इसमें रायलसीमा सबसे ऊपर है, जहां सामान्य से 84% अधिक बारिश हुई है। दक्षिण भारत के 10 उप संभागों में से 7 ऐसे रहे जहां सामान्य से अधिक वर्षा हुई जबकि शेष 3 में सामान्य रहा मॉनसून का प्रदर्शन। यहाँ तक कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून में प्रायः सूखा रहने वाले तमिलनाडु में को भी 28% ज़्यादा बारिश मिली।

अन्य दो क्षेत्रों मध्य भारत और पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में भी सामान्य से अधिक रहा साल 2020 का मॉनसून। मध्य भारत में 15% अधिक तो पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में 6% ज़्यादा बारिश हुई। हालांकि पूर्वोत्तर भारत में 4 राज्यों में नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में 32% कम बारिश हुई।

मॉनसून वर्षा – 2020 में किस क्षेत्र को कितनी बारिश मिली

अब मॉनसून सीजन ख़त्म हो गया है और देश के कई राज्यों से मॉनसून वापस लौट गया है। हालांकि अक्तूबर के पहले पखवाड़े तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून बारिश देता रहेगा और उसके बाद दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्वी मॉनसून आ जाएगा जिससे बारिश होती रहेगी। लेकिन 1 अक्तूबर के बाद होने वाली बारिश की गणना मॉनसून के बाद की बारिश (पोस्ट मॉनसून रेन) के तौर पर की जाती है। उत्तर-पूर्वी मॉनसून का आगमन संभवतः अक्तूबर के चौथे सप्ताह में हो सकता है।

Image Credit:Polibolly

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