सितंबर के शुरुआती समय में कमजोर मॉनसून की स्थिति में व्यापक सुधार आ गया है। अब सितंबर महीने में बारिश में 8% की कमी रह गई है। सितंबर के शुरुआती 10 दिनों तक 25 से 30% की कमी थी और हर दिन औसत से काफी कम बारिश देखने को मिल रही थी। इसी वजह से बारिश का आंकड़ा जहां 31 अगस्त को औसत से 10% ऊपर था वह 12 सितंबर आते-आते घटकर 106% पर आ गया था। उसके बाद बारिश की स्थिति में कुछ सुधार आया और दीर्घावधि औसत वर्षा 107% के स्थिर स्तर पर पहुंची।
अगस्त में बंगाल की खाड़ी से जहां निम्न दबाव की क्षमता वाले मॉनसून सिस्टमों की झड़ी लग गई थी वहीं सितंबर के शुरुआती 10 दिनों तक सिस्टमों का अकाल रहा और देश में इन 10 दिनों के दौरान हर दिन जितनी औसत वर्षा होनी चाहिए उससे कम बारिश दर्ज की गई। सितंबर में पहला मॉनसून सिस्टम बंगाल की खाड़ी पर 12 सितंबर को उठा और इसने मॉनसून को फिर से कई राज्यों पर सक्रिय कर दिया। इसके बाद अगला मॉनसून सिस्टम 20 सितंबर को उठा, जो पिछले 3 दिनों से देश में हर दिन औसत से अधिक वर्षा दे रहा है। बारिश की गतिविधियां मुख्यतः मध्य और पूर्वी राज्यों में देखने को मिल रही हैं। यह सिस्टम अभी मध्य भारत पर है। अनुमान है कि यह उत्तर प्रदेश की तरफ जाएगा और इसके चलते कम से कम 26 सितंबर तक मॉनसून वर्षा की गतिविधियां व्यापक रूप में जारी रहेंगी। उसके बाद सितंबर के शेष दिनों में मॉनसून कमजोर हो जाएगा।
सितंबर महीने में कुल 170 मिमी वर्षा होती है जो चार महीनों के मॉनसून सीजन में होने वाली दीर्घावधि औसत वर्षा 880.7 मिमी का 19% है। 1 से 21 सितंबर के बीच 118.5 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा 128.5 मिमी की तुलना में 8% कम है। अगले चार-पाँच दिनों में हर दिन 10 से 12 मिमी वर्षा होने की संभावना है। उम्मीद है कि 26 सितंबर तक 35 मिमी बारिश होगी। इस अनुमान के आधार पर हम कह सकते हैं कि सितंबर में होने वाली 170 मिमी वर्षा का आंकड़ा सितंबर के विदाई से पूर्व हासिल हो जाएगा। हालांकि इसमें 5% का एरार मार्जिन है। इस तरह स्काइमेट का आंकलन है कि मॉनसून 2020 में 108% वर्षा होती हुई नज़र है आ रही है। यानि मॉनसून 2020 भी 2019 की तरह सामान्य से बेहतर बीतने वाला है।
Image Credit: The Indian Express
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