जैसी संभावना जताई गई थी दक्षिण-पश्चिम मॉनसून-2020 ने निर्धारित समय से 11 दिनों की देरी से 28 सितंबर, 2020 को राजस्थान और पंजाब से वापसी शुरू कर दी है। राजस्थान और इससे सटे भागों पर बने विपरीत चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते मॉनसून की वापसी की घोषणा 28 सितंबर, 2020 को हुई। मॉनसून सबसे पहले पश्चिमी राजस्थान और पंजाब के पश्चिमी जिलों से वापस लौटना शुरू कर चुका है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून की वापसी की घोषणा के लिए अन्य मापदंड पहले ही पूरे हो रहे थे जैसे कि बारिश की गतिविधियां उत्तर भारत में कई दिनों से नहीं हो रही थीं, तापमान फिर से बढ़ने लगा था, हवा में नमी घट गई थी और हवाओं की दिशा भी कभी-कभी बदल रही थी। लेकिन विपरीत चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र का इंतजार था क्योंकि इसके बाद ही उत्तर पश्चिमी हवाएं स्थाई रूप से उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में अपना डेरा जमाती हैं और दक्षिण-पूर्वी तथा दक्षिण-पश्चिमी हवाओं का प्रवाह कम हो जाता है जिससे हवा में नमी व्यापक रूप में घट जाती है।
वर्तमान मौसम के अनुसार पंजाब और राजस्थान के कुछ और भागों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, हरियाणा और उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गिलगित-बालटिस्तान, मुजफ्फराबाद समेत समूचे उत्तरी क्षेत्रों से मॉनसून जल्द ही वापस लौट जाएगा। इन सभी भागों में मॉनसून के लौटने के लिए स्थितियां अनुकूल नजर आ रही हैं। इन भागों से अगले 2 दिनों के भीतर मॉनसून के वापस लौट जाने की संभावना है।
आपको बता दें कि मॉनसून की वापसी की नई संशोधित तारीखें वर्ष 2019 से लागू हुई हैं। इससे पहले मॉनसून की वापसी की सामान्य तिथि 1 सितंबर हुआ करती थी। लेकिन अब संशोधित तारीख के अनुसार मॉनसून के वापस लौटने का सामान्य समय 17 सितंबर कर दिया गया है। फिलहाल मॉनसून की वापसी की लाइन अमृतसर, भटिंडा, हनुमानगढ़, बीकानेर और जैसलमर होते हुए गुज़र रही है।
बीते 5 वर्षों में कब लौटा मॉनसून
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून की वापसी मध्य भारत और इससे सटे सीमावर्ती दक्षिणी प्रायद्वीप क्षेत्र तक होती है। उसके बाद मॉनसून की वापसी की रेखा नहीं बनती। इसकी वजह है उत्तर-पूर्वी मॉनसून, क्योंकि 15 या 20 अक्टूबर तक मॉनसून की वापसी मध्य भारत के भागों तक होती है और इसी दौरान दक्षिण भारत में तमिलनाडु के पास उत्तर-पूर्वी मॉनसून दस्तक दे रहा होता है।
इस बीच साल 2020 का मॉनसून सामान्य से बेहतर रहा है। वर्ष 2000 के बाद से 3 बार ऐसे इत्तेफाक बने हैं जब सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है, इसमें 2007 और 2013 में 106% बारिश हुई थी। वर्ष 2019 में 110% बारिश हुई थी। मॉनसून 2020 भी इस कतार में शामिल होने वाला है और संभवत है पिछले 25 वर्षों का यह दूसरा सबसे अच्छा मॉनसून माना जा सकता है।
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