2020 के मॉनसून सीजन के पूर्ण होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं और 4 महीनों के पूरे सीजन में होने वाली औसत वर्षा का आंकड़ा मॉनसून सीजन खत्म होने से 2 सप्ताह पहले ही हासिल हो गया है। मॉनसून सीजन 1 जून से शुरू होता है और 30 सितंबर तक चलता है। जुलाई में बारिश में व्यापक कमी रही, जो कि 4 महीनों के मॉनसून सीजन का एक प्रमुख वर्षा वाला महीना माना जाता है। जुलाई में 10% कम वर्षा दर्ज की गई।
लेकिन 18 सितंबर आते-आते बारिश 88 सेंटीमीटर के स्तर पर पहुंच गई जो कि 1 जून से 30 सितंबर की दीर्घावधि औसत वर्षा का आंकड़ा है। बाकी बचे दिनों में बारिश बोनस होगी जिससे देश लगातार दूसरे वर्ष सामान्य से बेहतर यानी एबव नार्मल मॉनसून देखेगा। 1 जून से 20 सितंबर के बीच देश में कुल 890.4 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई जो सामान्य से 7% ज्यादा है। यानी इस समय दीर्घावधि औसत वर्षा का स्तर 107% पर है।
वर्ष 2000 के बाद से 3 बार ऐसे इत्तेफाक बने हैं जब सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है, इसमें 2007 में 106%, वर्ष 2013 में 106% और 2019 में 110% बारिश हुई थी। मॉनसून 2020 भी इस कतार में शामिल होने वाला है और संभवत है पिछले 25 वर्षों का दूसरा सबसे अच्छा मॉनसून माना जा सकता है। मॉनसून सीजन में होने वाली बारिश को इस तरह से श्रेणी बद्ध किया गया है। 1 जून से 30 सितंबर के बीच 110% या उससे अधिक होने वाली बारिश को अत्यधिक यानी एक्सेस माना जाता है। 105% से 110% बारिश को सामान्य से अधिक माना जाता है। 96% से 104% बारिश को सामान्य बारिश माना जाता है और 95% से कम तथा 90% तक की बारिश को सामान्य से कम माना जाता है जबकि 90% से कम होने वाली बारिश की स्थिति में सूखा घोषित किया जाता है।
2020 की प्रतिस्पर्धा 2019 से जारी है। 2019 में दीर्घावधि औसत की तुलना में 110% वर्षा दर्ज की गई थी। 2020 में अब तक 107% बारिश हो चुकी है और तकरीबन 9 दिन शेष हैं। इन सभी दिनों में उम्मीद है कि हर दिन औसत वर्षा से अधिक बारिश देश में रिकॉर्ड की जाएगी। इसके चलते यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मॉनसून 2020 का अंत दीर्घावधि औसत वर्षा के मुकाबले 108% पर हो सकता है।
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