[Hindi] भोपाल, जबलपुर, सागर, सतना, बिलासपुर, सुकमा, रायपुर समेत मध्य और छत्तीसगढ़ के अनेक जिलों में भारी बारिश के आसार

September 19, 2020 3:51 PM|

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए साल 2020 का मॉनसून अब सामान्य के स्तर पर पहुँच चुका है। शुरुआती समय में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लोगों को मॉनसून ने कुछ तरसाया जरूर था सीजन के मध्य आते-आते इन दोनों राज्यों में बहुत व्यापक मॉनसून वर्षा दर्ज की गई। पश्चिमी मध्य प्रदेश में  सामान्य से 11% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। लेकिन पूर्वी भागों में अभी 4% की कमी है। हालांकि अगले 1 सप्ताह के दौरान मॉनसून का सबसे ज़्यादा ज़ोर पूर्वी मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों पर रहेगा। जिससे इस कमी की भरपाई हो जाएगी और कुछ स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात भी पैदा हो सकते हैं। छत्तीसगढ़ में 1 जून से 19 सितंबर के बीच सामान्य से 7% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है।

अगले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के सिर्फ दक्षिण पश्चिमी जिलों और छत्तीसगढ़ के दक्षिणी जिलों में वर्षा होने की संभावना है। उसके बाद बारिश की गतिविधियां इन दोनों राज्यों में बढ़ने के आसार हैं क्योंकि बंगाल की खाड़ी पर एक डिप्रेशन बनने वाला है। उम्मीद है कि 20 सितंबर को यह डिप्रेशन उत्तरी बंगाल की खाड़ी पर बनेगा और ओडिशा को पार करते हुए छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश पर पहुंचेगा। इसके प्रभाव से धीरे-धीरे बारिश की गतिविधियों में वृद्धि देखने को मिलेगी।

21 सितंबर को छत्तीसगढ़ के लगभग सभी क्षेत्रों और मध्य प्रदेश के पूर्वी भाग में हल्की से मध्यम वर्षा होगी। 22 सितंबर से इन्हीं भागों में बारिश की गतिविधियों में और बढ़ोतरी होगी। छत्तीसगढ़ के अधिकांश भागों जबकि मध्य प्रदेश के पूर्वी तथा मध्य क्षेत्रों में कम से कम 25 सितंबर तक कई जगहों पर मध्यम से भारी मॉनसूनी वर्षा होती रहेगी।

मध्य प्रदेश के दक्षिण पश्चिमी भागों में बारिश की गतिविधियां 24 घंटों के बाद कम होने लगेंगी और अगले तीन-चार दिनों तक जहां पूर्वी तथा मध्य भागों में कई जगहों पर अच्छी वर्षा होती रहेगी वहीं पश्चिमी क्षेत्रों में गुना से लेकर इंदौर, उज्जैन, रतलाम, देवास, धार, मंदसौर तक मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की संभावना है।

बारिश के आगामी स्पैल के दौरान सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले ज़िले होंगे पूर्वी मध्य प्रदेश के जबलपुर, मंडला, बालाघाट, कटनी, सागर, सतना, पन्ना, छतरपुर, खजुराहो और भोपाल।

छत्तीसगढ़ में कांकेर, कोरबा, कोरिया, जशपुर, जांजगीर-चाम्पा, दन्तेवाड़ा, दुर्ग, धमतरी, बिलासपुर, बस्तर, महासमुन्द, राजनांदगांव, रायगढ, रायपुर, सरगुजा, सुकमा समेत सभी जगहों पर बारिश देखने को मिल सकती है।

Image credit:TOI

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

Similar Articles

thumbnail image
पश्चिमी विक्षोभ लगातार सक्रिय, हिमालयी राज्यों में बारिश और बर्फबारी की चेतावनी

इस बार मार्च में भी पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय बना हुआ है, जिससे पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों दोनों में प्रभाव देखने को मिलेगा। जहां हिमालयी राज्यों में बर्फबारी की कमी दूर होगी, वहीं उत्तर भारत के किसान ओलावृष्टि और बारिश के कारण सतर्कता बरतने की जरूरत होगी।

posted on:
thumbnail image
[Hindi] सम्पूर्ण भारत का मार्च 12, 2025 का मौसम पूर्वानुमान

अगले 24 घंटे के दौरान सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, केरल और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।सिक्किम और उत्तराखंड में भी हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। तमिलनाडु और पंजाब में हल्की बारिश होने की संभावना है।

posted on:
thumbnail image
रंगों के साथ बरसेंगे बादल, इस बार होली पर कई राज्यों में होगी बारिश

आमतौर पर, इस मौसम में होली के समय गर्मी महसूस की जाती है। लेकिन साल 2025 इसमें अपवाद साबित हो सकता है, क्योंकि इस बार देश के कई शहरों में होली के दौरान बारिश होने की संभावना है। खासकर उत्तरी मैदानी इलाकों में इस समय बारिश बहुत कम होती है, लेकिन इस बार मौसम कुछ अलग रहने वाला है।

posted on:
thumbnail image
धीमी होती हवाएं लाएंगी गर्मी, उत्तर और मध्य भारत में बढ़ेगा तापमान, फसलों पर होगा असर

पश्चिमी विक्षोभ और दबाव परिवर्तन के चलते हवाओं की गति में उतार-चढ़ाव हो रहा है। तेज़ हवाओं के कारण फसलों को नुकसान हुआ है, लेकिन अब जब हवाएं शांत हो रही हैं, तो तापमान बढ़ने लगेगा। होली के दौरान पंजाब और हरियाणा में बारिश की संभावना है, लेकिन तापमान गर्म बना रहेगा। इस बदलते मौसम का असर न सिर्फ कृषि पर बल्कि जल संसाधनों पर भी पड़ेगा।

posted on: