जून से लेकर अब तक हुई मॉनसून वर्षा के संकेत स्पष्ट है कि मॉनसून 2020 सामान्य से बेहतर रहने वाला है। हालांकि अभी सितंबर का प्रदर्शन देखना बाकी रह गया है। 1 जून से अब तक देश के ज़्यादातर भागों में बारिश सामान्य या सामान्य से अधिक हुई है। मध्य भारत और दक्षिण भारत में मॉनसून का प्रदर्शन काफी अच्छी रहा है। अगस्त में मॉनसून सिस्टम उम्मीद से अधिक विकसित हुए जिसके चलते मॉनसून का प्रदर्शन सुधरा है। देश में इस समय 14% क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर मॉनसून की बारिश में कमी है बाकी सभी भागों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। मैदानी इलाकों में सिर्फ उत्तर प्रदेश एक ऐसा क्षेत्र है जहां बारिश में कमी है। हालांकि यहाँ भी आने वाले दिनों में जिस तरह की बारिश संभावित है उससे इस कमी की भरपाई हो जाएगी।
चार महीनों लंबे मॉनसून सीजन की शुरुआत इस साल काफी अच्छी बारिश के साथ हुई थी। जून में 18% अधिक बारिश दर्ज की गई थी जो बीते 7 वर्षों में सबसे अधिक है। हालांकि जुलाई ने देश को निराश किया और औसत वर्षा से 10% कम बारिश रिकॉर्ड की गई। लेकिन इस कमी की भरपाई अगस्त ने कर दिया। अगस्त पूरे सीजन में सबसे अधिक बारिश वाला महीना है। अगस्त की अब तक की अच्छी बारिश के चलते ही मॉनसून सामान्य से बेहतर हुआ है। उम्मीद कर सकते हैं कि बाकी बचे समय में बारिश सामान्य होगी और मॉनसून 2020 की विदाई सामान्य से अधिक बारिश के साथ होगी।
जून-जुलाई-अगस्त में दीर्घावधि औसत वर्षा 710.5 मिमी है। (जून-166.9, जुलाई-285.3, अगस्त-258.3 मिमी) और अब तक यानि 1 जून से 25 अगस्त के बीच देश में कुल 717.3 मिमी बारिश हो चुकी है। अगस्त के 6 दिन अभी बाकी हैं और इन दिनों में भी देश के पूर्वी, मध्य तथा उत्तरी राज्यों में अच्छी बारिश की संभावना है। इसके चलते हम उम्मीद कर सकते हैं कि अगस्त के आखिर तक बारिश 109% पर पहुँच जाएगी।
उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश में जो कमी रह गई है उसके लिए हम जम्मू कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में व्यापक कमी को मुख्य वजह मान सकते हैं। इन भागों में कम बारिश इसलिए हुई क्योंकि इस साल मॉनसून के आगमन से लेकर अब तक एक बार भी पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत की तरफ नहीं आया। मॉनसून सीजन में पश्चिमी विक्षोभ के कारण कई बार मैदानी इलाकों पर भी अच्छी वर्षा होती है। जुलाई और मध्य अगस्त तक उत्तर भारत में बारिश में कमी के लिए पश्चिमी विक्षोभ को दोष दिया जा सकता है।
मॉनसून सीजन की विदाई सामान्य से अधिक वर्षा के साथ होगी या नहीं यह सितंबर में मॉनसून के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। हालांकि सितंबर में अगस्त की तरह सामान्य से बहुत अधिक बारिश की उम्मीद भले नहीं है लेकिन अगर यह सामान्य वर्षा (170 मिमी) भी दे जाता है तो मॉनसून 2020 सामान्य से अच्छा कहा जाएगा। इसके आधार ही मौसम विशेषज्ञों का निष्कर्ष है कि मॉनसून लगातार दूसरी बार सामान्य से ऊपर रहने वाला है। हालांकि 2019 में जितनी बारिश (110%) शायद ना हो।
Image Credit: Kerala ITimes
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