[Hindi] मॉनसून 2020: अगस्त के पहले पखवाड़े में बंगाल की खाड़ी से तीन निम्न दबाव की मिल सकती है सौगात, देश में मॉनसून को सक्रिय करने में मिलेगी मदद

August 6, 2020 2:46 PM | Skymet Weather Team

बंगाल की खाड़ी पर अगस्त 2020 का दूसरा निम्न दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। हाल ही में 3 अगस्त को एक निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी पर विकसित हुआ था जो ओडिशा, छत्तीसगढ़ को पार करते हुए मध्य प्रदेश और गुजरात तक पहुंचा। इस सिस्टम के कारण मध्य भारत के तमाम इलाकों पर मॉनसून की हलचल बढ़ी और कई इलाकों में भारी वर्षा दर्ज की गई।

हालांकि यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी पर स्वतः विकसित होने वाला मौसमी सिस्टम नहीं था बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया की तरफ से चक्रवाती तूफान से ‘सीनालाकू’ का बचा हुआ प्रभाव था, जो बंगाल की खाड़ी में पहुँचने से पहले कमजोर हो गया था निम्न दबाव की क्षमता में भारत के जमीनी भागों पर पहुंचा था। इसके उलट आगामी निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में ही बनेगा। संभावना है कि 7 अगस्त को बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उठेगा जो धीरे-धीरे प्रभावी होते हुए निम्न दबाव में तब्दील हो जाएगा। अगस्त के शुरुआती 10 दिनों में यह दूसरा निम्न दबाव का क्षेत्र होगा।

English Version: Monsoon 2020: Fresh low pressure to form, monsoon to regain strength

यह सिस्टम थोड़ा दक्षिणावर्ती रुख अपनाएगा और दक्षिणी ओडिशा तथा उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों से जमीनी भागों पर पहुंचेगा। उम्मीद है कि यह सिस्टम 9 अगस्त को तटीय क्षेत्रों को पार कर सकता है। इसके प्रभाव से देश के पूर्वी और मध्य भागों में मॉनसून के फिर से सक्रिय होने की संभावना है। इसका प्रभाव भी गुजरात तक देखने को मिलेगा। यानी पूर्वी तटों से जमीनी भागों पर पहुंचने के बाद उत्तर और पश्चिम की दिशा में निम्न दबाव का क्षेत्र बढ़ता रहेगा और गुजरात तक को प्रभावित करेगा।

इससे पहले जुलाई में बंगाल की खाड़ी में एक भी सक्रिय मौसमी सिस्टम विकसित नहीं हुआ। लेकिन अगस्त काफी बेहतर नजर आ रहा है। उम्मीद है कि आगामी निम्न दबाव के पीछे ही एक नया मौसमी सिस्टम फिर से बंगाल की खाड़ी पर उभर सकता है। इस तरह से एक पखवाड़े के भीतर तीन मौसमी सिस्टमों की सौगात बंगाल की खाड़ी देने जा रहा है जिससे मॉनसून में सुधार की उम्मीद कर सकते हैं।

मॉनसून सीजन में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों तरफ बनने वाले यह यह सिस्टम ही मॉनसून की जीवन रेखा होते हैं जो अच्छी मॉनसून वर्षा में सक्रिय भूमिका अदा करते हैं। वर्तमान स्थितियों को देखते हुए कह सकते हैं कि मॉनसून में ब्रेक की कंडीशन फिलहाल अगले कुछ दिनों तक देश पर नहीं दिखेगी। लेकिन अब तक के मॉनसून के प्रदर्शन के आधार पर यह माना जा रहा है कि देश के कुछ इलाकों में हालात चिंताजनक हैं। देश में 1 जून से लेकर 5 अगस्त के बीच जहां औसतन 498.3 मिलीमीटर वर्षा होती है वहां 1% कम 492.9 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई।

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