सितंबर मॉनसून सीज़न का आखिरी महीना होता है। खासतौर पर इसे मॉनसून की वापसी का महीना माना जाता है। सितंबर में मॉनसून कमजोर होने लगता है और पूरे मॉनसून सीज़न की मात्र 19% बारिश होती है।
साल 2019 का मॉनसून एक अलग ही कहानी लिख रहा है। इसमें सितंबर में सबसे अधिक बारिश आखिरी सात दिनों में देखने को मिली। पिछले सप्ताह पूरे देश में सामान्य वर्षा 31 मिमी के मुक़ाबले 78 मिमी बारिश हुई। इससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं मॉनसून के उग्र रूप का।
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सितंबर सामान्य से 50% अधिक बारिश के साथ विदा हो रहा है। इससे पहले सितंबर में इतनी अधिक बारिश 102 साल पहले 1917 में रिकॉर्ड की गई थी, जब सामान्य से 57% ज़्यादा बारिश हुई थी। एक किवदंती है कि इतिहास दोहराया जा सकता है। तो कह सकते हैं कि इस संदर्भ में इतिहास 102 साल के बाद दोहराया गया है।
इन दोनों महीनों को छोड़ दें तो 1872 से महज़ चार बार ऐसा देखा गया है जब सामान्य से 40% अधिक बारिश हुई है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 1872 के बाद से 1884, 1954, 1961 और 1983 के सितंबर महीने में मॉनसून ने सामान्य से 40% ज़्यादा बारिश दी थी।
English Version: Southwest Monsoon 2019: Rainiest September in 102 years, to end with 50 percent excess rain
साल 1917 में जब सितंबर में बहुत ज़्यादा बारिश हुई थी, उस साल कुल मॉनसून वर्षा 118% थी। इस साल जब सितंबर में सामान्य से 50% अधिक बारिश हुई है तब चार महीनों के मॉनसून सीज़न की कुल बारिश 109% हो चुकी है। और उम्मीद है कि आज यानि 30 सितंबर की शाम तक यह आंकड़ा 110% तक पहुँच सकता है।
मॉनसून सीज़न का आधिकारिक समापन 30 सितंबर के साथ ही हो जाएगा। लेकिन मॉनसून अभी भी वापस नहीं लौट रहा है और देश के कई इलाकों में बारिश अभी भी जारी रहेगी। अनुमान है कि मॉनसून अलविदा कहने में अभी एक सप्ताह से अधिक समय ले सकता है। इस दौरान देश के कई इलाकों में रुक-रुक बारिश जारी रहेगी।
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