दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 ने वापसी की यात्रा शुरू कर दी है और गुजरात सहित मध्य भारत के कई हिस्सों से वापसी कर लिया है। हालांकि, इस साल मॉनसून की वापसी में सबसे देरी से शुरू हुआ है। लेकिन, इसके बावजूद सिर्फ 3 दिनों में ही इसने पूरे उत्तर-पश्चिम भारत, मध्य भारत के कई हिस्सों के साथ-साथ पूर्वी और पश्चिमी भारत के कुछ क्षेत्रों से वापसी कर लिया है।
मॉनसून की वापसी रेखा इस समय फारबिसगंज, डाल्टनगंज, जबलपुर, उज्जैन, अहमदाबाद और नलिया से होकर गुजर रही है। साथ ही, मानसून के गुजरात से वापसी के लिए मौसम की स्थिति काफी अनुकूल है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मॉनसून की वापसी का अर्थ होता है वायु के द्रव्यमान में परिवर्तन। जैसे ही, मॉनसून किसी क्षेत्र से विदाई लेता है, हम हवा की दिशा में बदलाव देखते हैं यानी उमस भरी हवाओं के बदले गर्म और शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने लग जाती है। साथ ही, तेज धूप के साथ साफ आसमान देखने को मिलता है।
मॉनसून की वापसी के बाद अब दिन का तापमान बढ़ने के आसार हैं। शुरुआत में, तापमान में वृद्धि मामूली होगी, लेकिन जल्द ही यह 40 डिग्री के निशान को पार कर जाएगा। इस प्रकार, आने वाले दिन गर्म दोपहरों का सामना करेंगे। अक्टूबर को राज्य के लिए दूसरी गर्मियों का मौसम माना जाता है।
वैसे दिन के अधिकतम तापमान में तो पहले से ही वृद्धि देखी जा रही है। जहां तटीय क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री से ऊपर पहुंच रहा है, वहीं आंतरिक भागों का तापमान 30 डिग्री के मध्य में बना हुआ है।
हालांकि, उस दौरान रातें काफी आरामदायक होंगी। आपको बता दें कि,आकाश साफ़ होने की वजह से रात के समय में पृथ्वी लॉन्ग वेव रेडिएशन के रूप में अपनी ऊर्जा जारी करती है जो पृथ्वी की सतह को तेजी से ठंडा करने में मदद करेगी। इसके विपरीत, जब आकाश में बादल छाए रहते हैं, तो पृथ्वी की ऊर्जा बादलों और पृथ्वी की सतह के बीच फंस जाती है जिसे ग्रीन हाउस प्रभाव के रूप में जाना जाता है। उस समय, रात के तापमान में गिरावट नहीं होती है।
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अब, मौसम गर्म होने के साथ-साथ शुष्क भी होगा, जबकि, रातें ठंडी और आरामदायक होंगी।
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