[Hindi] मॉनसून 2019: अरब सागर में बने विपरीत चक्रवाती क्षेत्र के कारण सुस्त है मॉनसून 2019 की गति

May 30, 2019 2:26 PM | Skymet Weather Team

दक्षिण पश्चिमी मॉनसून 2019 ने 18 मई को खाड़ी द्वीप समूह पर शुरुआत की थी। हालांकि, उसके बाद मॉनसून  2019 की प्रगति बेहद सुस्त रही है, यानि मॉनसून की गति थम सी गयी है। लगभग एक सप्ताह तक मॉनसून स्थिर रहा।

मॉनसून की उछाल अमूमन 25 मई तक पोर्ट ब्लेयर और श्रीलंका को कवर करती है, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। हालांकि, यह 27 मई को आगे बढ़ा था, लेकिन यह प्रगति ना के बराबर साबित हुआ ।

स्काइमेट के अनुसार, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मॉनसून के आगमन के 10 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक यह अपनी सामान्य गति से आगे नहीं बढ़ा है। मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम), इस समय अक्षांश रेखा 5 डिग्री उत्तर / देशांतर 81 डिग्री पूर्व, अक्षांश रेखा 7 डिग्री उत्तरी / देशांतर 88 डिग्री पूर्वी हट बे और अक्षांश 14 डिग्री उत्तर / देशांतर 98 डिग्री पूर्व से गुजर रही है।

मुख्य रूप से तीन ऐसे कारक हैं जो मॉनसून 2019 की गति के लिए जिम्मेदार हैं :

1) बंगाल की खाड़ी में बने मजबूत मौसम प्रणाली जैसे कि कम दबाव का क्षेत्र या डिप्रेशन
2) दक्षिण-पूर्वी अरब सागर पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र का बनना
3) पूरे हिंद महासागर में पार-भूमध्यरेखीय प्रवाह (cross-Equatorial flow) को मजबूत करना

इस समय मॉनसून के तीनों कारकों में से एक भी मौजूद नहीं है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, एक विपरीत-चक्रवाती क्षेत्र मध्य अरब सागर पर हावी रहा है, जो मॉनसून में मुख्य बाधा रहा है। यह मौसमी प्रणाली हवाओं को दक्षिण-पश्चिमी दिशा में चलने से रही है। जो मानसून की वृद्धि को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।

Also Read In English- Anti Cyclone in Arabian Sea, the reason behind the sluggish advancement of Monsoon 2019

यह विपरीत चक्रवाती क्षेत्र हवा के पैटर्न को नियंत्रित कर रहा है। साथ ही, पश्चिमी तटीय भगोनों में चलंने वाले उत्तर-पश्चिमी या उत्तरी हवाओं को उड़ा रहा है। बता दें कि, केरल में भी प्री-मॉनसून वर्षा के कमी के पीछे यही कारण है।

जब तक, यह विपरीत चक्रवात या तो दूर हट जाता है या फिर समाप्त नहीं हो जाता है, तब तक मॉनसून में खासा प्रगति देखने को नहीं मिलेगी। मौसमी मॉडल के संकेत को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि अगले 3-4 दिनों में इस प्रणाली के समाप्त होने की संभावना है। जिसके बाद केरल में मॉनसून की शुरुआत से पहले धीरे-धीरे मौसम की शुरुआती परिस्थितियां बदल सकती है।

स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों ने पहले ही 4 जून के आसपास दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 के शुरुआत का पूर्वानुमान किया है। जिसमें मार्जिन +/- 2 दिन का है। हालांकि, मौसमी मॉडल कमजोर शुरुआत की ओर संकेत कर रहे हैं।

Image Credit: DNA India

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें ।

OTHER LATEST STORIES