सितंबर मॉनसून सीजन का आखिरी महीना होता है। चार महीनों के मॉनसून सीजन में सितंबर का योगदान 19% है। पूरे सीज़न की औसत बारिश है 887 मिलीमीटर और सितंबर महीने की औसत बारिश है 173 मिलीमीटर। सितंबर में मॉनसून की वापसी शुरू हो जाती है जिससे सितंबर महीने में हर दिन का औसत बारिश धीरे-धीरे कम होने लगती है। सितंबर के पहले दिन की औसत बारिश है 7 मिलीमीटर तो आखिरी दिन का औसत बारिश का आंकड़ा घटकर 4 मिलीमीटर पर आ जाता है।
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यहाँ यह उल्लेखनीय है कि सितंबर में ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब बारिश सामान्य से काफी अधिक होती है। 1871 से अब तक यानि पिछले 148 वर्षों में 2019 समेत मात्र 12 वर्ष ऐसे रहे हैं जब सितंबर में सामान्य से 30% अधिक बारिश देखने को मिली है। इसमें जब भी सितंबर में बारिश सामान्य से 30% ज़्यादा हुई है, मॉनसून सामान्य से अधिक बारिश के साथ सम्पन्न हुआ। हालांकि एक बार वर्ष 1891 में ऐसा देखा गया जब सितंबर ने सामान्य से 30% अधिक बारिश दी उसके बावजूद मॉनसून की विदाई 7% कम वर्षा के साथ हुई थी।
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इस साल सितंबर में मॉनसून काफी अच्छा रहा। 14 सितंबर तक बारिश का आंकड़ा सामान्य से 38% ऊपर पहुँच चुका था। उसके बाद कुछ ही दिन ऐसे रहे जब एक दिन में पूरे देश में जितनी बारिश होनी चाहिए उससे कम वर्षा देखने को मिली हो। हालांकि इसके बाद भी बारिश सामान्य से 30% अधिक के स्तर पर बनी हुई है।
सितंबर ने अपने पूर्ववर्ती महीनों जुलाई और अगस्त की तरह अच्छी बारिश दी है। इसके चलते देश में इस साल मॉनसून वर्षा का आंकड़ा सामान्य से 5% ऊपर पर कई दिनों से बना हुआ है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में भी बारिश बनी रहेगी जिससे आंकड़ा कुछ और ऊपर जा सकता है। उम्मीद है कि मॉनसून 106% बारिश पर अलविदा कहेगा।
सितंबर के बाकी दिनों में देश के मध्य, दक्षिणी और पूर्वी भागों में ठीक-ठाक बारिश होगी। जिससे बारिश का आंकड़ा निश्चित तौर पर बढ़ेगा। वर्ष 1998 और 2007 में सामान्य से 23% अधिक बारिश हुई। और इसकी पूरी संभावना है कि यह सितंबर भी 30% या उससे अधिक बारिश के साथ समाप्त होगा।
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