[Hindi] मॉनसून 2019: आगमन के लिए तैयार मॉनसून, ओएलआर दे रहा है सकारात्मक संदेश

June 4, 2019 6:20 PM|

Outgoing Longwave Radiation

दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 केरल में आगमन के करीब है। स्काइमेट का अनुमान है कि 7 जून (एरर मार्जिन +/- 2 दिन) को केरल में मॉनसून के दस्तक देने की संभावना है। मौसम जानकारों के अनुसार धीरे-धीरे मानसून के आगमन के लिए मौसमी स्थिति अनुकूल हो रही है।

मॉनसून के आगमन के लिए तीन मुख्य कारक हैं। जब यह तीनों कारक प्रभावी होते हैं तभी मॉनसून के आगमन की बात स्पष्ट होती है। मॉनसून के आगमन के लिए जरुरी तीन मुख्य कारक हैं: हवा की क्षेत्र और गति, आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) और लगातार दो दिनों तक 14 सूचीबद्ध स्थानों पर 2.5 मिमी बारिश होना शामिल है। इनमें से ज्यादातर पैरामीटर अरब सागर और उससे सटे जगहों से संबंधित हैं।

इन तीनों कारकों में से, ओएलआर सबसे महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ मुश्किल कारक भी है। ओएलआर मुख्य रूप से पृथ्वी की सतह, समुद्रों और वायुमंडल द्वारा अंतरिक्ष में उत्सर्जित ऊर्जा की मात्रा का एक माप है। इसके अलावा यह पृथ्वी के रेडिएशन बजट का एक जरुरी घटक भी है।

ओएलआर का मान, अक्षांशीय रेखा पर 5-10 डिग्री उत्तरी और देशांतर पर 70-75 डिग्री पूर्वी में 200 wm^2 से कम होना चाहिए।

इसका मान क्लाउड कवर के आधार पर निकाला जाता है यानी क्लाउड कवर जितना मोटा होगा, वैल्यू उतना ही कम होगा। इसका मतलब है कि क्लाउड कवर का रेडिएशन बाहर नहीं जाएगा। हम कह सकते हैं कि मानसूनी पैरामीटर क्लाउड कवर के संदर्भ में अलग-अलग तीव्रता और मोटाई के साथ होता है।

साथ ही, यह क्रीया कम से कम दो दिनों तक लगातार होनी चाहिए। ओएलआर को आइसोलेशन में नहीं मापा जाना चाहिए और अन्य मापदंडों के साथ संयोजन में होना चाहिए।

Outgoing Longwave Radiation and Southwest Monsoon 2019

दिए गए ग्राफ से पता चलता है कि 18 मई 2019 को, दक्षिण-पश्चिम मानसून कार निकोबार तक पहुंच गया था जिसमें ओएलआर मान 200 wm ^ 2 के निशान को पार कर गया था लेकिन अरब सागर में केरल के ऊपर मानसून की शुरुआत के लिए जरुरी घटक कार निकोबार से बहुत दूर है।

3 जून तक, ओएलआर का मान 200 wm ^ 2 से नीचे हैं। जैसे-जैसे मॉनसून की तारीख नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे हम क्लाउड कवर में वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं और इस प्रकार, ओएलआर का वैल्यू, थ्रेशोल्ड वैल्यू से नीचे बनाए रखने की संभावना है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि, दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इस प्रकार, कमज़ोर क्लाउड कवर के कारण ओएलआर के वैल्यू में कमी की संभावना है। यह मौसमी प्रणाली बाकी मापदंडों को भी एकत्रीत करने के लिए जिम्मेदार होगी। स्काइमेट के मौसम जानकारों के अनुसार 5 जून के आसपास एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो सकता है, जो कि 6 और 7 जून तक और अधिक स्पष्ट हो जाएगा।

Image Credit: Skymet Weather

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

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