दक्षिणी आतंरिक कर्नाटक और उससे सटे भागों पर इस समय एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र देखा जा रहा है। इसके अलावा, अगले 24 घंटों के बाद केरल के दक्षिणी हिस्सों में दक्षिण-पश्चिमी हवाएं भी तेज हो जाएंगी।
अगले 2-3 दिनों में, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों (खासकर दक्षिण आतंरिक और तटीय भागों) सहित बेंगलुरु में दक्षिण पश्चिमी मॉनसून के आगमन को देखते हुए बारिश की तीव्रता में वृद्धि की उम्मीद है। इन मौसमी गतिविधियों के साथ तेज हवाएं चलेंगी। हालांकि, इस दौरान अति भारी बारिश के आसार नहीं हैं।
उत्तरी कर्नाटक के भी अलग-अलग हिस्सों में बारिश की गतिविधियां होंगी लेकिन बारिश की तीव्रता दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और केरल की तुलना में बहुत कम होगी।
मॉनसून 2019 दस्तक देने के लिए लगभग करीब है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 48 घंटों में यानी 7 जून तक उम्मीद है कि मॉनसून केरल पर अपना आगमन करेगा।
संभवतः होने वाले बारिश का कारण दक्षिण आंतरिक कर्नाटक पर बने चक्रवाती क्षेत्र के साथ तेज पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी हवाएं हैं। इसके अलावा, एक ट्रफ रेखा मध्य भारत से लेकर कॉमरिन क्षेत्र होते हुए ऊपरी बने चक्रवाती क्षेत्र तक फैला हुआ है।
भले ही, इन दोनों राज्यों में बारिश की गतिविधियां चल रही हैं, लेकिन फिर भी केरल में बारिश की कमी है। लेकिन अब बारिश के कारण, उम्मीद है कि केरल की बारिश की कमी कुछ हद तक कम होगी।
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