दिल्ली-एनसीआर से रूठा मॉनसून, बारिश के मौसम में हवा में धूल का ज़हर
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ मॉनसून रूठा है तो दूसरी राजस्थान के रास्ते शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाओं के साथ दिल्ली के आसमान पर धूल का गुबार छाया हुआ है। यूं तो दिल्ली पर मॉनसून ने 5 जुलाई को दस्तक दे दी थी लेकिन अच्छी बारिश तो दूर सामान्य बारिश भी दिल्ली को अब तक नसीब नहीं हुई है। मौसम की इस स्थिति में जल्द सुधार होता भी दिखाई नहीं दे रहा है।
दिल्ली से क्यूँ रूठा मॉनसून
दिल्ली में मॉनसून के आते ही कुछ ही समय में जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर भारत तक एक ट्रफ बन गई जिसके कारण मॉनसून का पूरा ज़ोर हिमालय की तराई में कई दिनों से देखने को मिल रहा है। दूसरी ओर इस ट्रफ के नीचे यानि दक्षिणी पंजाब, दक्षिणी हरियाणा और दिल्ली पर पश्चिम से राजस्थान की धूल लेकर शुष्क हवाएँ पहुँच रही हैं जिससे इन भागों में बादलों की जगह धूल छाई हुई है और बारिश नहीं हो रही है।
हालांकि रविवार की रात से हवाओं के रुख में बदलाव होगा। मध्य रात्रि से हल्की बारिश भी शुरू हो सकती है, इससे मौसम के मिजाज़ में कुछ बदलाव होगा। लेकिन धूल पूरी तरह से साफ होने और गर्मी से राहत के लिए अच्छी बारिश की दरकार होगी। जिसके संभावना जल्द नहीं है।
बारिश का पूर्वानुमान
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जम्मू कश्मीर के पास एक पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है। इसके अलावा मॉनसून ट्रफ, जो अभी जम्मू सहित हिमालय के तराई क्षेत्रों पर है वह दक्षिण में दिल्ली के करीब आएगी। इन सिस्टमों के प्रभाव से दिल्ली, नोएडा, गाज़ियाबाद, फ़रीदाबाद, गुरुग्राम और आसपास के भागों में हवाओं में नमी बढ़ेगी और अगले दो-तीन दिनों तक कुछ स्थानों पर हल्की बारिश दर्ज की जाएगी। लेकिन यह बारिश इतनी नहीं होगी कि बारिश में कमी की भरपाई कर पाये, प्रदूषण को कम कर पाये और गर्मी से राहत दिला पाये।
दिल्ली में साल 2019 का मॉनसून सूखे का कीर्तिमान बना रहा है। 1 जून से अब तक यानि 14 जुलाई तक मॉनसून वर्षा में 91% की कमी है। इस अवधि में जहां लगभग 150 मिमी बारिश होनी थी वहाँ मात्र 14 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
मॉनसून सीज़न में प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर
बारिश कम होने के कारण और राजस्थान की तरफ से हवाओं के साथ रेत और धूल आने के कारण दिल्ली में प्रदूषण में भारी वृद्धि हुई है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से ऊपर चल रहा है, जो सेहत के लिए सही नहीं है। पीतमपुरा, दिल्ली विश्वविद्यालय, चाँदनी चौक, लोधी रोड, मथुरा रोड, नोएडा, सभी जगहों पर पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों 200 के आसपास बने हुए हैं।
Image credit: Money Control
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