जुलाई के आखिरी सप्ताह में मॉनसून वर्षा देश के कुछ हिस्सों पर सीमित रही जिससे मध्य भारत में लोगों को बाढ़ से राहत मिली तो पूर्वी भारत के राज्यों में सूखे का संकट खत्म हुआ और उत्तर प्रदेश तथा बिहार जैसे बड़े कृषि राज्यों में किसानों की चिंता भी घटी है। जुलाई का आखिरी सप्ताह सामान्य से 2% कम बारिश के साथ विदा हुआ। हालांकि 26 जुलाई से 1 अगस्त के बीच यानि जुलाई के आखिरी हफ्ते में उससे पहले सप्ताह से ज़्यादा अच्छी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
जुलाई के दूसरे पखवाड़े के पहले सप्ताह यानि 19 से 25 जुलाई के बीच मॉनसून का सबसे अच्छा प्रदर्शन मध्य और उत्तर पश्चिम भारत में दिखा और इन राज्यों में तेज़ मॉनसून वर्षा रिकॉर्ड की गई जबकि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत तथा दक्षिण भारत में मॉनसून बारिश में काफी कमी आई।
जुलाई के आखिरी सप्ताह में मॉनसून का मिजाज़ बदला और जिन भागों में बारिश में कमी थी वहां मॉनसून का अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला। इस दौरान सबसे ज़्यादा बारिश पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में हुई जिसके चलते बारिश का आंकड़ा सामान्य से 13% ऊपर पहुँच गया। इस दौरान उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत में भी सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक यानि अच्छी बारिश हुई। जबकि मध्य भारत के भागों में मॉनसून में व्यापक सुस्ती आ गई और सामान्य से 67 प्रतिशत कम वर्षा रिकॉर्ड की गई। इसी तरह दक्षिण भारत में सामान्य से 66 फ़ीसदी बारिश में कमी रही।
जुलाई के आखिरी सप्ताह में सबसे अच्छा बदलाव देखने को मिला वह पूर्वी भारत के राज्य में था। इस दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में अच्छी बारिश रिकॉर्ड की गई जिससे कमी में अच्छा सुधार दिखा। इस दौरान लगातार बारिश से इन राज्यों के कई इलाकों में आंकड़ा सामान्य से ऊपर पहुँच गया। जुलाई के तीसरे सप्ताह में सामान्य वर्षा जहां देश के 25 संभागों में हो रही थी वहीं यह संख्या बढ़कर 29 पर पहुंच गई। जबकि सामान्य से कम बारिश का वाले 11 उप-संभागों की संख्या घटकर 7 पर पहुंच गई।
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अब अगले सप्ताह देश के उत्तरी और मध्य भागों में मॉनसून में ब्रेक की स्थिति रहेगी और देश के अधिकांश भागों में मौसम सूखा रहेगा जबकि मॉनसूनी बारिश कुछ इलाकों में सीमित रहेगी। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओड़ीशा और पूर्वोत्तर भारत में इस सप्ताह बारिश देखने को मिलेगी। जबकि देश के बाकी ज्यादातर भागों में अच्छी बारिश के आसार नहीं हैं। इसके चलते देश भर में कुल बारिश में कमी का आंकड़ा 2 अगस्त को जहां 7% पर था वह आने वाले दिनों में और ऊपर पहुंच सकता है।
Image credit: Khabareindinrat
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