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[Hindi] उत्तर भारत के मैदानी भागों से लेकर पूर्वी राज्यों तक मॉनसून सक्रिय

July 9, 2015 4:41 PM |

Delhi_rainइस समय एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी जम्मू कश्मीर पर पहुँच चुका है। बंगाल की खाड़ी पर बना चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के प्रभाव से उत्तरी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे पश्चिम बंगाल पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है। मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय गंगानगर से शुरू होकर हिसार, आगरा, इलाहाबाद, गया और बांकुरा होते हुए बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव के क्षेत्र तक जा रही है। मॉनसून की अक्षीय रेखा और उत्तर में बने पश्चिमी विक्षोभ तथा पूर्व में बने निम्न दबाव के चलते दक्षिण पश्चिम मॉनसून गंगा के मैदानी इलाकों में सक्रिय बना हुआ है। जिसके चलते अगले 48 घंटों तक उत्तर, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में मॉनसूनी बारिश होने की संभावना है।

अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्रों, झारखंड, बिहार तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर अच्छी बारिश दर्ज की जा सकती है। विशेष तौर पर कोलकाता, राँची, गया, पटना, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर और लखनऊ में मध्यम बारिश होगी, एक-दो जगहों पर भारी बारिश भी दर्ज की जा सकती है।

उत्तर भारत के मैदानी राज्यों पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तरी राजस्थान में बादल छाए रहेंगे तथा शाम या रात के समय कुछ जगहों पर गरज के साथ वर्षा होने के आसार हैं। इन भागों में भोर के समय भी मॉनसूनी फुहारें देखी जा सकती हैं जिससे सुबह का मौसम खुशनुमा बना रहेगा, हालांकि दिन में धूप और अधिक आर्द्रता के चलते गर्मी और उमस महसूस की जा सकती है।

उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों पर भी एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ और पाकिस्तान पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र और मॉनसून की अक्षीय रेखा के मिले जुले प्रभाव से मॉनसूनी वर्षा जारी है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इन भागों में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम वर्षा जारी रहेगी। उत्तराखंड में 24 घंटों के पश्चात बारिश की तीव्रता में वृद्धि होगी और कई जगहों पर मध्यम तथा कुछ जगहों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। उत्तराखंड जाने वाले पर्यटकों को मौसम की स्थिति पर नज़र रखना चाहिए ताकि किसी विषम परिस्थिति से बचा जा सके। केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को विशेष सावधानी बरतने का सुझाव है, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में तेज़ बारिश के दौरान ऊपर से पानी का रेला झटके से आ सकता जो दुर्घटना का कारण बन सकता है।

स्काइमेट का अनुमान है कि देश के उत्तर, उत्तर-पश्चिम तथा पूर्वी भागों में अगले 48 घंटों के बाद वर्षा में कमी होगी। हालांकि मध्य भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि मॉनसून का प्रभाव यहाँ पर 9-10 जुलाई से बारह जाएगा जिससे छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के पूर्वी तथा मध्य भागों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जाएगी।

Image Credits: NDTV

 






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