मॉनसून भारत की कृषि के लिए रीढ़ से कम नहीं है। भारतीय कृषि पर मॉनसून वर्षा का व्यापक प्रभाव पड़ता है। पिछले कुछ वर्षों के बाद 2018 में मॉनसून के अच्छे प्रदर्शन की संभावना दिखाई दे रही है। आम आदमी और किसान से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बार अच्छे मॉनसून की उम्मीद कर रहे होंगे। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से सत्ता संभाली है तब से पिछले वर्ष तक मॉनसून ने अच्छी बारिश नहीं दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शासन में अब तक मॉनसून वर्षा को भारत की अर्थव्यवस्था के अनुकूल नहीं देखा। मई 2014 में देश की सत्ता आई एनडीए के हाथों में और प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी। कृषि को बेहतर स्थिति में ले जाना प्रधानमंत्री की प्राथमिकताओं में था लेकिन दुर्भाग्य से उनके प्रधानमंत्री बनने वाले वर्ष में भी मॉनसून ने निराश किया और कम बारिश हुई। बल्कि यूं कहें कि देश को सूखे जैसे हालात का सामना करना पड़ा। 2014 का मॉनसून बीते 5 वर्षों में सबसे खराब रहा और 12 फीसदी कम वर्षा हुई।
उसके बाद 2015 में अच्छे मॉनसून की उम्मीद थी। लेकिन आखिर में अल-नीनो प्रभावी हो गया था जिससे 2015 में मॉनसून सबसे कमजोर रहा और मोदी के शासन में लगातार दूसरा साल कमजोर मॉनसून ने निराश किया। वर्ष 2015 में 86 प्रतिशत वर्षा दर्ज की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के लगातार दूसरे वर्ष खराब मॉनसून के बाद 2016 में फिर से उम्मीद जगी कि मॉनसून बेहतर होगा क्योंकि अल-नीनो कमजोर हुआ था और ला नीना की स्थिति प्रबल हो गई थी। उम्मीद कुछ हद तक पूरी भी हुई और देश भर में 97 प्रतिशत मॉनसून वर्षा रिकॉर्ड की गई। लेकिन बारिश का वितरण संतुलित ना होने के चलते देश के प्रमुख कृषि क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश हुई जिससे अर्थव्यवस्था पर दबाव जारी रहा और मोदी की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं।
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वर्ष 2017 में मॉनसून के प्रदर्शन की बात करें तो इस बार भी मॉनसून ने निराश किया और समूचे भारत में औसत 887 मिलीमीटर वर्षा के मुक़ाबले 95 प्रतिशत बारिश हुई। सामान्य से कमजोर मॉनसून के चलते कई इलाकों में किसानों का संघर्ष और निराशा जारी रही साथ ही मोदी की योजना ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ को भी कोई उत्साहजनक मदद मॉनसून से नहीं मिली।
स्काइमेट ने 4 अप्रैल, बुधवार को 2018 का मॉनसून पूर्वानुमान जारी कर दिया। जिसमें मौसम पूर्वानुमान क्षेत्र की देश की अग्रणी निजी कंपनी स्काइमेट ने सामान्य मॉनसून के साथ 100% बारिश की संभावना जताई है। उम्मीद है कि मॉनसून 2018 बीते चार वर्षों की तुलना में सबसे बेहतर होगा। कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 वर्षों के शासन काल के आखिरी साल में यह सबसे अच्छा मॉनसून हो सकता है। परिस्थितियाँ अगर अनुकूल रहीं तो अर्थव्यवस्था को गति देने और कृषि को मुनाफे का क्षेत्र बनाने की मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं को अच्छे मॉनसून से गति मिलेगी।
Image credit: The Indian Express
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