किसानों को सहायता देने के क्रम में अन्तरिम बजट 2019 में, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की गई है। इसके अंतर्गत किसानों को हर वर्ष दो-दो हज़ार रुपये की तीन किश्तों में 6000 हज़ार रुपये दिया जाएगा। किसानों को राहत देने के मोदी सरकार के वादों को पूरा किए जाने के क्रम में वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी को बजट में इसकी घोषणा की। अब तैयारी चुनाव से पहले इसकी पहली किश्त दिए जाने की है। कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र शेखावत ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि सरकार 10 करोड़ किसानों को पहली किश्त के 2000 रुपये मार्च के आखिर तक दे देगी।
हालांकि पहली किश्त किसानों के बैंक खाते में हस्तांतरित करने में काफी अड़चने हैं। कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि दूसरी और तीसरी किश्त को देने में मुश्किलें उतनी नहीं आएंगी, जितनी पहली किश्त को अदा करने में आएगी। श्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि सभी किसानों के खाते आधार से जुड़ जाएंगे जिससे दूसरी और तीसरी किश्त के भुगतान में मुश्किल नहीं होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को ऐसी बड़ी योजनाओं को क्रियान्वित करने में काफी जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा। खास मुश्किलें उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों में आएंगी जहां भूमि के दस्तावेज़ों का पूरी तरह से डिजिटलीकरण अब तक नहीं हुआ है। इसके अलावा सभी किसानों के बैंक खाते आधार से नहीं जुड़े हैं।
कृषि राज्य मंत्री ने बताया की सभी राज्यों से लाभार्थी किसानों की सूची जल्द से जल्द तैयार करने को कहा गया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश किसानों की सूची केंद्र सरकार के पास पहले से है क्योंकि मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसे लाभ केंद्र सरकार पहले से ही किसानों को दे रही है। हालांकि श्री शेखावत ने यह भी कहा कि मुझे नहीं लगता कि राज्य सरकारें किसानों की सूची जल्द से जल्द उपलब्ध करने में कोई लापरवाही बरतेंगी।
वित्त मामलों के सचिव सुभाष चन्द्र गर्ग ने बताया कि कृषि मंत्रालय प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लागू करने के लिए सभी उपाय करेगी। आंकड़ों के मुताबिक लगभग साढ़े 12 करोड़ किसानों के पास 2 हेक्टेयर के कम ज़मीन है, जो इस योजना का लाभ लेने के पात्र होंगे। इस योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार पर 20 हज़ार करोड़ का भार पड़ेगा जबकि 2019-20 वित्तीय साल के लिए 75 हज़ार करोड़ का खर्च आएगा।
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