उत्तर प्रदेश और बिहार में इस साल प्री-मॉनसून सीजन में व्यापक वर्षा देखने को मिली है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगभग 311% अधिक बारिश हुई है जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 300% ज़्यादा वर्षा देखने दर्ज की गई है। इसी तरह बिहार में 274% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। बारिश का यह आंकड़ा 1 मार्च से लेकर 3 मई तक का है।
सामान्य से अधिक प्री-मॉनसून वर्षा ही वह प्रमुख कारण है जिसके चलते इन दोनों राज्यों में अब तक लू का प्रकोप नहीं दिखा है। आपको यह बता दें कि मई महीने में आमतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार में तापमान सबसे अधिक रहता है। यही वह महीना है जब दोनों राज्यों में लू के चलते कुछ लोगों की जान भी चली जाती है।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य अगर देखें तो यह कह सकते हैं कि कम से कम अगले 1 सप्ताह तक उत्तर प्रदेश और बिहार के शहरों और गांव में लू का प्रकोप नहीं आएगा क्योंकि रुक-रुक कर बारिश जारी रहने की संभावना है। पिछले दो-तीन दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भागों और बिहार के उत्तरी तथा पूर्वी हिस्सों में कुछ स्थानों पर बारिश होती रही है। अब बारिश की गतिविधियां दोनों राज्यों पर बढ़ेंगी।
लंबा चलेगा बारिश का दौर
इस समय पूर्वी भारत पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है, जम्मू कश्मीर पर एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आया है साथ ही उत्तर प्रदेश होते हुए बिहार तक एक ट्रफ रेखा बन गई है। इन सिस्टमों के चलते बंगाल की खाड़ी से व्यापक आर्द्र हवाएँ दोनों राज्यों पर पहुंच रही हैं। अनुमान है कि 4 से 6 मई के बीच दोनों राज्यों में कई जगहों पर हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना के साथ तेज़ वर्षा देखने को मिलेगी।
इस दौरान कहीं-कहीं पर ओलावृष्टि होने और तेज आंधी चलने की भी आशंका रहेगी जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में काल बैसाखी जैसा मौसम देखने को मिल सकता है।
यही वजह है कि बिहार और उत्तर प्रदेश में मई के दूसरे सप्ताह तक लू का प्रकोप नहीं दिखेगा और कई इलाके ऐसे होंगे जहां पर तापमान सामान्य से 2 से 5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे बना रहेगा। बारिश का मौसम पटना, गया, भागलपुर, चंपारण, मधुबनी, सीतामढ़ी, बलिया, गोरखपुर, आजमगढ़, प्रयागराज, मिर्जापुर, लखनऊ, अयोध्या, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, सहारनपुर, पीलीभीत, अलीगढ़, हाथरस, एटा, इटावा, लखनऊ और कानपुर समेत कई जिलों में देखने को मिल सकता है।
Image credit: Accueweather
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।