जम्मू-कश्मीर के लिए अक्टूबर माह बारिश के लिहाज से अब तक मुख्यतः शुष्क साबित हुआ है। आधे से अधिक बीत चुके अक्टूबर में राज्य में विशेष बारिश नहीं हुई, महज़ छिटपुट जगहों पर इस दौरान वर्षा की गतिविधियां देखने को मिली हैं। हालांकि बीते 24 घंटों के दौरान पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से जम्मू-कश्मीर के अधिकांश भागों में भारी वर्षा दर्ज की गई। उत्तर भारत के इस पर्वतीय राज्य में अगले 24 घंटों के दौरान भी मध्यम से भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर में बीते 24 घंटों के मध्य हुई बारिश के आंकड़ों पर अगर नज़र डालें तो राजधानी श्रीनगर में 13 मिलीमीटर वर्षा हुई जबकि बनिहाल में 20.7 मिमी, गुलमर्ग में 27.2 मिमी, कुपवाड़ा में 37.2 मिमी और पहलगाम में 23.6 मिमी वर्षा मौसम केन्द्रों पर रिकॉर्ड की गई।
पश्चिमी विक्षोभ के चलते हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी मौसम का मिजाज़ बदल गया है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सोमवार और मंगलवार को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज किए जाने की संभावना है।
स्काइमेट का अनुमान है कि पर्वतीय राज्यों में मौसमी गतिविधियां होने के बाद बारिश का प्रसार उत्तर भारत के मैदानी राज्यों विशेषकर पंजाब, चंडीगढ़ और इससे सटे हरियाणा में भी हो सकता है। हालांकि 24 घंटों के बाद शुरू होने वाली बारिश की मात्रा और उसकी तीव्रता पर्वतीय राज्यों जितनी नहीं होगी।
स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि वर्तमान सिस्टम 22 अक्टूबर तक आगे निकल जाएगा और उत्तर भारत में मौसम एक बार फिर से शांत हो जाएगा। हालांकि एक नया पश्चिमी विक्षोभ 24 अक्टूबर तक फिर से जम्मू-कश्मीर के पास पहुँच सकता है। इसके प्रभाव से इस पर्वतीय राज्य में 24 और 25 अक्टूबर को हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज किए जाने का अनुमान है।
Image credit: thefirstmail.in