उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में बीते दिनों से हवाएँ कुछ मद्धम हैं। हवाओं के रुख में बदलाव हुआ है। पिछले दिनों से हवाओं का रुख उत्तर-पश्चिमी था, जो शुष्क और शीतल थीं इसके चलते न्यूनतम तापमान में हल्की गिरावट हुई थी और सुबह की सर्दी में बढ़ोत्तरी देखने को मिली थी। अब फिर से दक्षिण-पूर्वी हवाओं के प्रभावी होने से रात के तापमान में वृद्धि होने के आसार हैं।
हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हिस्सों में अगले 2-3 दिनों तक हवाएँ दक्षिण-पूर्वी या पूर्वी बनी रहेंगी। दक्षिण-पूर्वी हवाओं के चलते न्यूनतम तापमान में हल्की वृद्धि देखने को मिलेगी। जबकि दिन के तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की जा सकती है। आमतौर पर दक्षिण-पूर्वी या पूर्वी हवाओं के बढ़ने से उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में धुंध और कुहासा बढ़ जाता है। प्रदूषण के स्तर में भी वृद्धि देखने को मिलती है।
इस समय दक्षिण-पूर्वी हवाएँ प्रभावी हो रही हैं और अगले 2-4 दिनों के दौरान 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघण्टे की गति से चलेंगी जिससे धुंध और कुहासा कम रहेगा। साथ ही प्रदूषण के स्तर में भी कुछ कमी देखने को मिलेगी। आगामी 3-4 दिनों के पश्चात फिर से हवाएँ बदलेंगी और उत्तर-पश्चिमी हवा फिर से चलेगी।
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उत्तर-पश्चिमी हवाएँ इतनी प्रभावी नहीं होंगी जिससे मौसम में कोई विशेष बदलाव देखने को मिले। हालांकि इन हवाओं के चलते न्यूनतम तापमान में 2-3 दिनों के बाद फिर से हल्की गिरावट देखने को मिलेगी। इन स्थितियों के बीच उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में अधिकतर स्थानों पर सुबह के समय कुहासा और धुन्ध छाई रहेगी।
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लुधियाना, जालंधर, अंबाला, करनाल और हिसार सहित पंजाब और हरियाणा के कुछ शहरों में कोहरे जैसी स्थिति देखने को मिल सकती है। मेरठ सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी सुबह के समय अधिकतर जगहों पर धुंध और कुहासा छाया रहेगा।
Image credit: Trekearth
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