उत्तर भारत के मैदानी भागों में कोहरा कम हुआ लेकिन शीतलहर ने अपना शिकंजा और कस दिया है। न्यूनतम तापमान कई स्थानों पर 5 डिग्री से नीचे चल रहा है। कुछ स्थानों पर शून्य पर पहुँच गया है पारा। मौसम के इस मिजाज़ में अगले 2-3 दिनों तक बदलाव के आसार फिलहाल नहीं हैं। उत्तर पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से शीतलहर ने लोगों को काँपने के लिए मजबूर कर दिया है।
उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी राज्यों में कई स्थानों पर रविवार रात और सोमवार की सुबह के समय कड़ाके की ठंडक लोगों ने महसूस की। पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राजस्थान, दक्षिणी हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक-दो स्थानों पर तापमान पानी जमाने वाले स्तर तक पहुँच गया।
सोमवार की सुबह अलवर मैदानी भागों में सबसे ठंडा स्थान रहा। यहाँ न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। नारनौल में और सीकर में 0.5 डिग्री और शाहजहाँपुर में 0.9 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है। तापमान में भारी गिरावट के चलते इन भागों में शीतलहर बढ़ गई है।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार कोहरा कम होने और आसमान साफ होने के चलते धरती की सतह मध्य रात में तेज़ी से ठंडी होने लगती है जिससे न्यूनतम तापमान तेज़ी से नीचे जाता है। इसमें उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ आग में घी की तरह काम कर रही हैं। प्रमुख ठंडे स्थानों का तापमान नीचे दिए गए चित्र में देख सकते हैं।
अनुमान है कि पंजाब से लेकर हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर और उत्तर-पूर्वी राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश में अगले 2-3 दिनों तक मध्यम गति से उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ चलेंगी। इन हवाओं के चलते एक ओर जहां दिन में वातावरण साफ होगा और धूप खिलने से दिन के तापमान में वृद्धि होगी वहीं रात के तापमान में और गिरावट देखने को मिल सकती है। न्यूनतम तापमान में कमी के चलते कड़ाके की ठंड से राहत जल्द राहत मिलने की संभावना नहीं है।
Image Credit: The Hindu
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