उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में फिर से भीषण सर्दी ने अपने पांव पसार लिए हैं और नए साल के आगमन तक इसी तरह की कड़ाके की ठंड कई शहरों पर अपना प्रभाव बनाए रखेगी। पहाड़ों पर 27 दिसंबर को हुई व्यापक बर्फबारी के बाद आने वाली बर्फीली हवाओं के चलते पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तरी मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में तापमान में भारी गिरावट हुई है। इन हवाओं के चलते न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 से 5 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया है।
चुरू में इस सीजन का सबसे कम तापमान दर्ज किया गया। यहां न्यूनतम तापमान गिरते हुए जमाव बिंदु पर पहुंच गया। 29 दिसंबर को चूरू में पारा -0.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। चुरू में यह दूसरा अवसर है जब इस साल तापमान शून्य से नीचे पहुंचा।
बर्फीली हवाओं के कारण सिर्फ न्यूनतम तापमान में गिरावट नहीं हुई है बल्कि अधिकतम तापमान में भी तेजी से गिरावट दर्ज की गई है जिससे पंजाब के कई शहरों में बीते 48 घंटों के दौरान दिन में भी शीतलहर जैसी स्थितियां बनी रहीं।
उत्तर भारत के शहरों में भीषण सर्दी का प्रकोप इसी तरह से नए साल की पूर्व संध्या यानी 31 दिसंबर तक जारी रहेगा। 1 जनवरी को भी कई शहरों में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। 2 जनवरी को एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों पर पहुंचेगा और एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मैदानी इलाकों पर विकसित होगा। इन दोनों सिस्टमों के कारण 2 जनवरी के बाद हवाओं का रुख बदलेगा। सर्द हवाओं का असर कम होगा और रात के तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।
2 से 5 जनवरी के बीच उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में अधिकांश जगहों पर बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। जबकि मैदानी इलाकों में इस दौरान कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा और ओलावृष्टि के आसार हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी के चलते आवागमन प्रभावित हो सकता है जबकि मैदानी इलाकों में ओलावृष्टि के कारण फसलों को नुकसान होने की आशंका है।
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