दिल्ली के लिए रोमांटिक माह फरवरी की शुरुआत तापमान में व्यापक उतार-चढ़ाव के साथ हुई है। दिन के तापमान में विशेष बदलाव नहीं हुआ जबकि न्यूनतम तापमान में 4-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखने को मिली। मौसम में विशेषकर सुबह के तापमान में इस तरह के बदलाव का प्रमुख कारण हैं उत्तर भारत में एक के बाद एक आने वाले पश्चिमी विक्षोभ। पश्चिमी विक्षोभों के चलते पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी का असर उत्तर से आने वाली सर्द हवाएँ अपने साथ मैदानी भागों तक ले आती हैं।
जनवरी के अंत में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में न्यूनतम तापमान तेज़ी से बढ़ते हुए 13-14 डिग्री तक पहुँच गया था। उत्तर से आने वाली हवाओं के पूर्वी दिशा में निकल जाने के चलते दिल्ली के तापमान में यह बढ़ोत्तरी देखने को मिली। लेकिन हाल ही में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हुई अच्छी बारिश और बर्फबारी के चलते फिर से मौसम ने करवट ले ली और यहाँ पारा गिरते हुए 9 डिग्री सेल्सियस पर आ गया।
दिल्ली और आसपास के शहरों में अगले 24 से 36 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान इसी स्तर पर बना रहेगा। 10 फरवरी की रात से दिल्ली वालों को फिर से सर्दी में कुछ कमी महसूस होगी क्योंकि 9 फरवरी की रात से उत्तर भारत को एक नया पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित करने वाला है। इसके चलते मैदानी राज्यों में उत्तर से आने वाली सर्द हवाओं का प्रवाह कम होगा और यहाँ गर्म तथा आर्द्र हवाएँ पहुंचनी शुरू होंगी जो तापमान को ऊपर ले जाएंगी।
राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के शहरों में 10 से 12 फरवरी के दौरान सुबह के समय सर्दी में कमी देखने को मिलेगी। दिल्ली के मौसम में उतार चढ़ाव का सिलसिला यहीं थमा नहीं है। 13 और 14 फरवरी को उत्तर भारत के पर्वतीय भागों से बर्फीली हवाओं का प्रवाह बढ़ जाएगा जिससे दिल्ली के तापमान में कमी आएगी और सुबह तथा रात की सर्दी फिर से बढ़ जाएगी।
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