उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में अप्रैल की शुरुआत से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है। बारिश सहित अन्य प्री-मॉनसूनी गतिविधियों के चलते मार्च के आखिर में चल रही लू जैसी स्थितियाँ खत्म हो गई थीं और लोगों को तेज़ गर्मी से व्यापक राहत मिली थी। बारिश की यह हलचल उत्तर भारत में आ रहे पश्चिमी विक्षोभ और इसके प्रभाव से मध्य पाकिस्तान तथा उत्तर-पश्चिम भारत में विकसित होने वाले चक्रवाती सिस्टमों के चलते हो रही थी।
पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान भी गरज के साथ बारिश दर्ज की गई। बारिश के साथ तेज़ हवाएँ भी चलीं। अब इन सभी भागों में प्री-मॉनसून वर्षा में व्यापक रूप में कमी आने की संभावना है क्योंकि उत्तर भारत को प्रभावित कर रहा पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी दिशा में निकल जाएगा। साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर बना चक्रवाती सिस्टम भी निष्प्रभावी हो जाएगा।
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बारिश दे रहे सिस्टमों के कमजोर होने के साथ ही उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में हवाओं का रुख बदलेगा। अब इन भागों में आर्द्र पूर्वी हवाओं की जगह लेंगी उत्तर-पश्चिमी शुष्क तथा गर्म हवाएँ जिससे पारा धीरे-धीरे ऊपर चढ़ेगा और गर्मी का दौर वापसी करेगा। हमारा अनुमान है कि अगले 3-4 दिनों में दिन और रात के तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि होगी।
हालांकि 3-4 दिनों की बाद यानि 16 या 17 अप्रैल से मौसम पुनः करवट ले सकता है। प्री-मॉनसून गतिविधियां फिर से वापस लौटेंगी। तब तक इन सभी क्षेत्रों में मौसम गर्म और शुष्क बना रहेगा।
Image credit: ScoopWhoop
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