राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों जैसे नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद के कुछ हिस्सों में कल धूल भरी आंधी और गरज के साथ कहीं-कही पर हल्की बारिश देखने को मिली। इसके अलावा एक-दो स्थानों पर 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से तेज़ झोंकेदार हवाएं भी देखने को मिलीं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, जम्मू कश्मीर के पास बने पश्चिमी विक्षोभ और उत्तरी राजस्थान तथा इससे सटे हरियाणा पर बने एक चक्रवाती क्षेत्र के कारण दिल्ली सहित उत्तर के मैदानी इलाकों में मौसम में यह बदलाव देखने को मिला। इसके अलावा दिल्ली के पास पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक एक ट्रफ रेखा भी बन गई थी जिससे कुछ समय के लिए मौसम का उग्र रूप दिखा।
Also read in English: Delhi heat to become unbearable, heatwave condition to commence soon
यह मौसमी सिस्टम अब पूर्वी दिशा में निकल गए हैं जिससे दिल्ली-एनसीआर में किसी विशेष मौसमी हलचल की उम्मीद अब नहीं है।
तापमान की अगर बात करें तो कल यानि 30 मार्च को दिल्ली के पालम में इस सीजन का सबसे अधिक तापमान 39.5 डिग्री सेल्सियस और सफदरजंग में 39.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 7 डिग्री अधिक है। मार्च महीने में इस स्तर पर तापमान 9 वर्षों बाद पहुंचा है।
स्काइमेट द्वारा किये गए पूर्वानुमान के मुताबिक आज यानि 31 मार्च को दिल्ली के अधिकतम तापमान में गिरावट होने की उम्मीद है। लेकिन कल यानि 1 अप्रैल से पारा फिर से बढ़ेगा। इसके चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लू का शिकंजा कस सकता है।
फिलहाल 30 मार्च को हुई प्री-मॉनसून गतिविधियों के कारण दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति काफी बेहतर रही। वायु गुणवत्ता सूचिकांक ज़्यादातर जगहों पर संतोषजनक रहा।
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