दिल्ली-एनसीआर में जारी है बादलों की लुकाछिपी और प्री-मॉनसून वर्षा की बेरुखी। पिछले 24 से उत्तरी राजस्थान और इससे सटे हरियाणा तथा पंजाब पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से एक ट्रफ उत्तर प्रदेश तक विस्तृत है। इन सिस्टमों के प्रभाव से दिल्ली और आसपास के भागों में कल कुछ स्थानों पर धूलभरी आँधी और बादलों की गर्जना जैसी मौसमी हलचल देखने को मिली। एक-दो स्थानों पर बूँदाबाँदी भी हुई।
दिल्ली और आसपास के हिस्सों पर दक्षिण-पूर्वी हवाएँ चल रही हैं जिससे उमस में भी बढ़ोत्तरी हुई है। यही वजह है कि कल दिल्ली वालों ने राजधानी में सबसे अधिक गर्मी महसूस की। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी दिशा में आगे बढ़ रहा है जिससे कल 2 घंटे के लिए हवाओं का रुख दक्षिण-पश्चिमी हो गया और दिल्ली में दोनों मौसम केन्द्रों पर इस सीज़न का सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया।
सफदरजंग में 40 डिग्री और पालम में 41.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 3-4 डिग्री अधिक है। अनुमान है कि आने वाले दिनों में गर्मी का और प्रचंड रूप दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद, फ़रीदाबाद और आसपास के भागों में देखने को मिलेगा। क्योंकि हाल-फिलहाल में कोई प्रभावी मौसमी सिस्टम विकसित होता दिखाई नहीं दे रहा है।
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इस बीच पश्चिम से पूर्व तक बनी ट्रफ दिल्ली के दक्षिण से गुज़र रही है। जिसके चलते मंगलवार को भी सुबह से बादल बने हुए हैं और उमस भी अधिक है। अगले दो दिनों तक इसी तरह से आंशिक बादल दिखेंगे लेकिन 18 अप्रैल तक मौसमी हलचल की संभावना नहीं है। उसके बाद 19 और 20 को एक-दो स्थानों पर धूलभरी आँधी चलने या बादलों की गर्जना की गतिविधियां हो सकती हैं। हालांकि बारिश के आसार कम हैं जिससे तापमान में कोई गिरावट या गर्मी से राहत की अपेक्षा फिलहाल नहीं है।
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